मैं वैली स्कूल में पढ़ाती हूँ
। यहाँ पर मिडिल स्कूल और हाई स्कूल की कक्षाएँ लेती हूँ । वैली स्कूल में हम पाठ्य
पुस्तक का प्रयोग न कर विभिन्न साधनों का प्रयोग कर विभिन्न विषय छात्र-छात्राओं को
सिखाते हैं । इसलिए व्याकरण के मुद्दों को सिखाने के लिए हम विभिन्न स्रोतों से सामग्री
संकलित करते हैं जिससे छात्र -छात्राएं विषय को अच्छी तरह से समझ सकें । इस ब्लॉग में
प्रकाशित कार्य - पत्रिकाएं और अभ्यास -पत्रिकाएं
विभिन्न पाठ्य -पुस्तकों, व्याकरण पुस्तकों और रचनात्मक पुस्तकों से एकत्रित की गई हैं । यहाँ मैं इस सामग्री को
शीर्षक के अनुसार और प्रत्येक कक्षा के स्तर के अनुरूप प्रस्तुत कर रही हूँ । इस प्रकार
यह स्पष्ट है कि विषय -सामग्री पर मैं अपना अधिकार नहीं जमा सकती । मैं इसे संकलित
करने का दावा अवश्य कर सकती हूँ । विशेष रूप से यह कि इस विषय सामग्री को एक व्यवस्थित
और संगठित ढंग से कक्षा के अनुरूप पढ़ाने और बच्चों को अच्छी तरह से समझाने का दावा
कर सकती हूँ । इस विषय सामग्री को अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ-साथ सभी छात्र-छात्राओं
के साथ बांटने में मुझे बहुत ख़ुशी है और मैं सभी पुस्तकों और उन्हें लिखने वालों का
शुक्रिया करती हूँ कि उन्हीं के कामों को पहले मैंने अपने अध्यापन में प्रयोग किया
और अब सबके साथ इसे बांट कर मैं सभी लेखकों के काम को बहुत से लोगों तक पहुंचा रही
हूँ । आशा है कि आप सब को मेरा यह प्रयत्न पसंद आएगा और सभी के लिए यह सामग्री उपयोगी
सिद्ध होगी ।
कक्षा पांच के लिए
उत्तर - १. दो २. रमा ३. उषा ४. खेल रही हैं ५. गेंद उत्तर - १. कौआ इधर -उधर पानी की खोज में उड़ रहा था |
२. उड़ते-उड़ते वह एक बाग़ में पहुँचा |
३. बाग़ में उसने एक घड़ा देखा |
४. घड़े के पास छोटे-छोटे कंकड़ पड़े थे | उसने चोंच से एक -एक कंकड़ उठाया और घड़े में डाला | थोड़ी देर में पानी ऊपर आ गया | उसने ऐसे पानी पिया और उड़ गया |
५. इस कहानी से सीख मिलती है कि युक्ति से मुक्ति मिलती है अथवा युक्ति से किसी भी कठिनाई का हल निकाल सकते हैं |
उत्तर - १. महात्मा गांधी राष्ट्र के पिता थे |
२. महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था |
३. महात्मा गांधी ने हमें सत्य, प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाया |
४. महात्मा गांधी के गुरु तीन बन्दर थे |
५. बापू के बन्दर हमें बुरा न बोलने, बुरा न सुनने और बुरा न देखने की शिक्षा देते हैं |
उत्तर - १. गाय, भैंस और बकरी हमें दूध देते हैं |
२. ऊन हमें भेड़ से मिलती है |
३. कुत्ता हमारे घर की रखवाली करता है |
१. भेड़ २. बलवान ३. वस्त्र , ठंड ४. प्यार
उत्तर - १. अच्छे बच्चे सवेरे जाग जाते हैं |
२. हाँ , हम व्यायाम करते हैं |
३. शौच के बाद हम व्यायाम करते हैं |
४. दाँतों को हम दातुन या ब्रश से साफ करते हैं |
५. हम प्रतिदिन स्नान करते हैं |
६. अध्यापक की आज्ञा अच्छे बच्चे मानते हैं |
७. हम प्रतिदिन विद्यालय जाते हैं |
८. अच्छे बच्चे समय पर पढ़ते और खेलते हैं | वे माता-पिता की आज्ञा मानते हैं | वे लड़ाई और झगड़ा नहीं करते | वे सबसे मीठा बोलते हैं |
उत्तर - १. मछली जल की रानी है |
२. मछली को मदन पकड़ना चाहता था क्योंकि मछली सुन्दर थी |
३. मदन ने वीना से कहा कि मछली बहुत सुन्दर है | आओ , इसे पकड़कर घर ले चलते हैं |
४. वीना ने मदन से कहा कि मछली को हाथ नहीं लगाना , वह डर जाएगी | बाहर निकालोगे तो मर जाएगी |
५. वीना कुछ न कहती तो मदन मछली को पकड़कर घर ले जाता |
६. नहीं , पानी से बाहर निकलकर मछली ज़िंदा नहीं रह पाती |
उत्तर - १. कछुए ने हंसों से कहा |
२. कछुए ने हंसों से कहा |
३. कछुए ने हंसों से कहा |
४. कछुए ने हंसों से कहा |
५. हंसों ने कछुए से कहा |
उत्तर - १. गायब २. हाज़िर ३. आज्ञाकारी ४. सदरी ५. धर दबोचा ६. भूत ७. गौर से ८. रिश्तेदारी ९. मुट्ठी-घूँसे १०. चारपाई ११.अंगोछा १२. रसोई घर १३. ज़रूरत १४. मेहनत १५. आलसी १६. सामग्री १७. फटकारा १८. मुराद १९. कामचोर २०. शर्मिंदा
उत्तर - १. वह यहाँ सुरक्षित नहीं है | २. कल ही मेरे कमरे की खिड़की पर एक कबूतरी ने अंडे दिए हैं | ३, रसगुल्ले देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया | ४. तुम सब्र रखो , फल मीठा होगा |
१. से , आ टपकी २. मैं तब तक , इंतज़ार ३. सब्र , मौसी ४. पंख फैला कर उन पर , और अंडे
१. वापस नहीं आए २. मैं अभी सबको बुलाकर लाती हूँ ३. झबरी बिल्ली इंतज़ार
उत्तर - १. खुशबू आ रही थी २. सामान सजा था ३. हिम्मत न थी ४. उम्मीद थी ५. गन्दगी नहीं रहने देतीं ६. पूँछ सीधी खड़ी ७. मज़ाक पसंद ८. तरीका है ९. लाइट जलाई १०. दावत
उत्तर - १. राज्य में २. परास्त हो गए ३. अदृश्य ४. संकट से मुक्त ५. छत्ता मिला ६. वार किया ७. गुफा में भाग ८. विनम्रता से भरा ९. पुरस्कार (सलाह शब्द कहानी में नहीं है )
कक्षा छ: के लिए
उत्तर - १. चट्टान २. नदी , नहाना , पसंद ३. किस्म , अकेला ४. पकड़ , मेलों में
१. लम्बी सूंड , मोटे -मोटे पैर , दो-दो फुट के कान, दो दो फुट के बाहर निकले हुए दाँत २. गन्ना , केला तथा ३. पेड़ -पौधों की पत्तियाँ ३. इनसे बोझा खींचने का काम भी लिया जाता है |
उत्तर - १. विचित्र २. पालतू ३. मूल्यवान ४. अहिंसक ५. गज ६. मित्र
उत्तर - १. इन पक्षियों के नाम हैं - तोता , मोर , कबूतर , कौआ , चिड़िया , चील , कोयल , बतख |
२. सबसे ऊंचा चील उड़ती है |
३. हरा रंग तोते का होता है |
४. कौआ और कोयल का रंग काला होता है |
५. बतख पानी में तैरती है |
६. सबसे सुन्दर पक्षी मोर होता है |
७. गुटरगूँ कबूतर बोलता है |
८. कौआ काँव काँव बोलता है |
९. चीं चीं चिड़िया की आवाज़ होती है |
१०. कोयल कहू -कहू बोलती है |
उत्तर - १. सियार का नाम पाण्डे था |
२. उसने खेत में खरबूजे लगे देखे |
३. वहाँ पर ऊँट खड़ा था |
४. ऊँट को बबूल पसंद है |
५. बबूल का जंगल नदी पार है |
६. सियार ने खरबूजे खाए और खाकर वह हुआँ हुआँ करने लगा |
७. ऊँट के डाँटने पर सियार ने कहा -वाह !मेरा मन गाने का करता है , मैं ज़रूर गाऊँगा |
१. रसमलाई देखते ही मेरे मन में उसे खाने का लालच उठा |
२. मित्र से इतने दिनों बाद मिलकर मैं खुश हुआ |
३. आज मेरा फ़िल्म देखने का मन कर रहा है |
उत्तर - १. लकड़ी बढ़ई चीर रहे थे |
२. मकान ज़मींदार का बन रहा था |
३. बढ़ई रोटी खाने चले गए थे |
४. बढ़ई दोपहर के समय खाना खाने गए थे |
५. वहाँ पर बंदर उछल -कूद मचाने लगे |
६. शैतान बन्दर शहतीर की किल्ली खींचने लगा |
७. शहतीर खींचने पर किल्ली तो निकल आई पर बंदर की पूँछ शहतीर में फँस गई |
८. बढ़ई उस बन्दर को देखकर हँसे क्योंकि पूँछ फँस जाने पर बन्दर बहुत रोया -चिल्लाया पर उसकी पूँछ शहतीर से बाहर न निकली और वह अधमरा होकर वहीँ गिर गया | बढ़ई उसकी शैतानी देखकर खूब हँसे |
९. इस कहानी से सीख मिलती है कि शैतानी का फल बुरा होता है |
२. वैद्यराज की दृष्टि इन शब्दों पर पड़ी - बिना परिणाम सोचे कोई भी काम नहीं करना चाहिए |
३. काम करने से पहले सोचना -समझना चाहिए |
४. यदि राजा मर जाता तो दरबारी वैद्यराज के टुकड़े -टुकड़े कर देते |
५. वैद्यराज ने राजा को विष के बदले दूसरी दवाई बनाकर पीने को दी |
उत्तर - १. जुड़वाँ बहनें २. नाटक करते ३. कष्टदायी था ४. कमरा चाहिए था ५. माँग करने ६. पंद्रह कमरे ७. सुन्दर घर ८. बिस्तर पर जा ९. सन्नाटा खलने १०. आश्चर्य में ११. नाश्ते के समय १२. बड़ी प्लेट
१. सो जाना - वह आँखें मूँदे चुपचाप पड़ा रहा |
२. बुरा लगना - उसे उसकी कमी खलने लगी |
३. हँसी उड़ाना - वह हर किसी की खिल्ली उड़ाता है |
उत्तर - १. कीमत २. जिम्मेदारी ३. योजना ४. जेब -खर्च ५. खम्भे ६. समस्या ७. मौक़ा ८. दुर्घटना ९. संयोग से १०. मुफ़्त
१. प्यार था २. मन ललचाया ३. चकित करना ४. झटपट टेडीबियर ५. दौड़ती हुई ६. खम्भे का तार ७. चीख निकली ८. बेहोश हो
उत्तर - १. तपाक २. मूल्यवान ३. मेला ४. चुंबन ५. सप्ताह ६. विश्व ७. उत्तरी ८. निर्णय ९. मधुर १०. पहेलियों ११. हल १२. गति १३. गुजारा करते हैं १४. ईमानदारी
उत्तर - १. मुझे रंगीन कपड़े भाते हैं |
२. उसने अपने बुद्धि -विलास का सही उपयोग कर समस्या का हल किया
| ३. वह वहाँ से खिसिया कर चला गया जब किसी ने उसकी बात पर ध्यान न दिया |
४. रसगुल्ले देखकर उनके मुँह में पानी भर आया |
५. कोयल की सुरीली आवाज़ सबको अच्छी लगती है |
१. सियार से चतुर निकला कागा |
२. जवानी उसकी गई थी उतर |
३. सबके मन तुम बहुत भाते |
४. जल्दी से एक गीत सुनाओ |
१. प्यास २. सूखा ३. बेसुरा |
उत्तर - १. संरक्षक २. चुपचाप ३. मतलबी ४. हैरान ५. उत्सुक ६. वन ७. निडर ८. रेवड़ ९. घास १०. मित्रता ११. अचानक १२. कमाए १३. निःस्वार्थ १४. व्यापारी १५. इक्कीस १६.निर्दयी (Cruel )
उत्तर - १. वही , सभी पर अपना दबदबा रखता है |
२. सीख से , पुन: पाश्विकता जागने लगी |
३. यह ब्राह्मण पाखंडी है |
४. मृत्युदंड , बदला |
१. हर राजा को गुणी और परोपकारी होना चाहिए |
२. कर्ण एक दयालु राजा था |
३. उसे प्रतिमाह दस हज़ार पेंशन मिलती है |
४. युद्ध से भागना कायरों की निशानी है |
५. उसका दबदबा अपने परिवार में चलता है |
६. कोई भी व्यक्ति पाखण्डी को पसंद नहीं करता |
७. उसे अपने अपराध के कारण मृत्युदण्ड मिला |
उत्तर - १. होली के दिन उसे पूरी तरह से रंगों से सराबोर किया गया |
२. उसे उसकी शरारत का मज़ा चखाना चाहिए |
३. केले के छिलके से फिसलकर वह धड़ाम से गिरा |
४. छत से गिरने पर थोड़े समय के लिए उसके होश गुम हो गए |
५. भारत में दीवाली का त्यौहार बड़े उल्लास से मनाते हैं |
१, इस वक्त वहाँ कोई मौजूद नहीं था |
२. लकी पूरी तरह भीग चुका था |
३. बुरा न मानो होली है |
४. वह सड़क पर फिसल गया था |
१. करीब २. मौजूद ३. शरारत
उत्तर - १. मेरी बहन हमेशा मेरे खिलाफ माँ कान भरती है |
२. मैं एक बार धोखा खा चुकी हूँ , अब संभल कर चलूँगी |
३. मोहन ने सोहन के बहकावे में आकर राम को मारा |
४. उसने बिना किसी भूमिका के फरमाया कि वह उससे शादी करने के लिए तैयार है
५. तुम बेसिर -पैर की बातें करके मेरा समय खराब न करो |
१. व्यक्ति को इज़्ज़त दिलवाते हैं |
२. पहेली की शर्त पूरी तरह निभा रही थी |
३. अकबर ने बीरबल को बुलाया |
४. बीरबल किसी को मिल नहीं पाया |
१. अपना प्रभाव २. ईर्ष्या ३. झिलमिला
उत्तर- १. सफाई २. अनाज ३. लकड़ी ४. टुकड़ा ५. रोटी ६. घड़ा ७. कोट ८. घोड़ा ९. बारात १०. ड्रम
उत्तर - १. अकेलापन २. कंधों ३. नज़र ४. नज़र ५. प्रयास ६. विचित्र ७. उड़ान ८. प्रकृति ९. धरती १०. आलसी
उत्तर - १. समानता २. धोखा ३. मज़ा ४. कलाई ५. गायब ६. धागे ७. स्वेटर ८. सहायक ९. लहरदार १०. कुचालक
उत्तर - १. विपत्ति २. रहस्य ३. रखवाली ४. नगर ५. चमड़े ६. बंधन ७. जंजीर ८. आज़ादी ९. गंभीर १०. परतंत्र
उत्तर - १. आनंदपूर्वक २. स्वप्न ३. सयानी ४. उपवन ५. रंगबिरंगी ६. वियोग ७. चुग्गा
१. हाथों २. चहचहाना ३. खाना -पीना ४. मन ५. उदासी ६. खिलखिलाकर ७. सोच ८. सच -सच ९. पक्षियों
उत्तर - १. धैर्य २. सभा ३. गुप्तचर ४. परीक्षा ५. ज्ञान ६. प्रबंध ७. दरबार
१. बँटवारे २. झगड़ा ३. हठ ४. कक्षाएँ ५. लात ६. दाँत ७. कान ८. गिनती ९. शिक्षा १०. योग्य
कक्षा सात के लिए
उत्तर - १. चूहा चालाक था |
२. मौत को सामने देखकर सब डर जाते हैं |
३. चूहे को बिल में घुसा देखकर बिल्ली ने सोचा - जब चूहा बाहर आएगा तो मैं झपट पड़ूँगी और खूब मज़े से खाऊँगी |
४ . बिल्ली से बचने के लिए चूहे ने चालाकी से छलांग मारी और आगे -आगे भाग निकला |
५. बिल्ली चूहे के पीछे भागी | चूहे ने एक बड़ा -सा बूट देखा , वह उसमें घुस गया | भाग्यवश उसमें एक छेद था , चूहा छेद में से निकल भागा पर बिल्ली बूट में मोटी होने के कारण फँस गई | वह उससे बाहर न निकल सकी |
६. इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि चूहे की बुद्धि काम आई , उसने साहस नहीं छोड़ा था , उसने हिम्मत नहीं हारी थी इसलिए वह बच गया |
१. इंतज़ार २. संयोगवश ३. खुश ४. प्रज्ञा ५. हिम्मत
१. मूर्ख २. जन्म ३. दुर्भाग्य ४. अप्रसन्न
१. बिल्लियाँ २. चूहे
१. बिलाव २. चुहिया
उत्तर - १. कल्लू विद्यालय जा रहा था |
२. कल्लू विद्यालय नहीं जाना चाहता था क्योंकि वह खेलना चाहता था |
३. उसने चिड़िया से कहा , आओ मेरे साथ खेलो |
४. चिड़िया ने उत्तर दिया कि वह घोंसला बना रही है , वह उसके साथ नहीं खेलेगी |
५. चींटी ने कल्लू को मूर्ख कहा क्योंकि वह काम करने का समय था , खेलने का समय नहीं | वह दाना इकठ्ठा कर रही है और वह उसके साथ नहीं खेलेगी |
६. चींटी दाना इकट्ठा कर रही थी |
७. चींटी का उत्तर सुनकर कल्लू सोचने लगा कि सभी अपना काम कर रहे हैं , क्यों न मैं भी अपना काम करूँ ? मैं भी पढ़ने विद्यालय जाऊँगा |
१. सब बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं |
२. सब पक्षी पेड़ पर घोंसला बनाते हैं |
३. मूर्ख व्यक्ति से सब दूर रहते हैं |
४. चींटी दाना इकट्ठा करती है ताकि सर्दियों में उसे तकलीफ न हो |
५. हम सब तुम्हारे साथ कल बाहर चलेंगे |
१. स्कूल , पाठशाला २. पक्षी , पंछी ३. सखा , मित्र
१. लड़के २. चिड़ियाँ ३. घोंसले ४. दाने ५. खेलना
उत्तर - १. चिड़िया एक वृक्ष पर रहती थी | वह बहुत झगड़ालू थी |
२. वृक्ष पर बैठने वालों से चिड़िया कहती थी - यह वृक्ष तो मेरा है | वन देवी ने इस की रक्षा करने के लिए मुझे भेजा है |
३. एक दिन एक चिड़िया के वृक्ष पर आकर बैठने से पहली चिड़िया ने उसे डराया पर दूसरी चिड़िया उससे डरी नहीं बल्कि दूसरी चिड़िया गीत गाने लगी | पहली चिड़िया क्रोध में आ गई और वह दूसरी चिड़िया को धक्के मारने लगी | दोनों चिड़ियाँ लड़ते -लड़ते पेड़ के नीचे गिर गईं |
४. बिल्ली घात लगाए बैठी थी यानि कि वह शिकार के इंतज़ार में बैठी थी | वृक्ष से चिड़ियों के गिरते ही बिल्ली दोनों चिड़ियों पर झपट पड़ी और झट से उन्हें चट कर गई |
५. इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि दो लोगों की लड़ाई में तीसरा फ़ायदा उठाता है |
१. चिड़ियाँ २. देवियाँ ३. बिल्लियाँ
१. बच्चे को चोरी करते देख माँ आग बबूला हो गई |
२. तुम तो बिना सोचे समझे गरम होने लगते हो |
३. कबूतर पर गिद्ध झपट पड़ा |
४. देखते ही देखते बिल्ली चूहा चट कर गई |
५. शिकारी घात में बैठा था और मौका मिलते ही उसने तीर चला दिया |
१. देव २. चिड़ा ३. बिलाव
उत्तर - १. पुस्तकालय की आवश्यकता है क्योंकि वह ज्ञान का प्रमुख केंद्र है |
२. पुस्तकालय से समय का सदुपयोग होता है क्योंकि यहाँ पर विभिन्न विषयों की पुस्तकें सरलता से प्राप्त हो जाती हैं |
३. किसी भी पुस्तकालय से छात्रों और अध्यापकों दोनों को लाभ मिल सकता है |
४. बहुत -से लोग निजी पुस्तकालय रख सकते हैं जिनके पास पैसा है |
५. सार्वजनिक पुस्तकालय आवश्यक हैं क्योंकि आजकल नई -नई पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है और सभी पुस्तकों को खरीदना सभी के लिए खरीदना सम्भव नहीं है |
६. आज के युग में पुस्तकालय की आवश्यकता है क्योंकि आजकल पुस्तकों का महत्त्व बढ़ता जा रहा है |
७. पुस्तकालय से लाभ ये हैं क्योंकि इससे समय का उपयोग होता है और इससे ज्ञानपूर्ण मनोरंजन भी मिलता है |
८ . हानि २. सार्वजनिक ३. पुरानी ४. बेचना ५. दुरुपयोग
९ . १. शिक्षिका २. छात्रा ३. लुगाई
१०. १. पुस्तकें पढ़ने से ज्ञान प्राप्त होता है |
२. सेठ को इस महीने बहुत लाभ हुआ |
३. आजकल लोग पैसे को बहुत महत्त्व देते हैं |
४. हमें नित्य भगवान् की पूजा करनी चाहिए |
उत्तर - १. इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है - डॉक्टर कलाम |
२. डॉ. कलाम का सपना भारत देश को विकसित देश बनाने का है |
३. डॉ कलाम को भारत का सर्वोच्च पुरस्कार "भारत रत्न " और पद्मभूषण तथा पद्मविभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है |
४. डॉ कलाम के शौक हैं - कविताएँ लिखना , वीणा बजाना और बच्चों के साथ रहना |
५. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते समय उन्होंने इस दोहे का उल्लेख किया था - काल करै सो आज कर , आज करै सो अब |
उत्तर - अ. स्वप्न , ख्वाब २ . नज़र , निगाह ३. हयात , ज़िन्दगी ४. कसम , सौंगंध
आ. १. सपना २. उपलब्धि ३. कविता ४. दोहा ५. वीणाएँ
इ. १. अविकसित २. अपमान ३. असहज ४. नापसंद ५. मृत्यु
ई. मेमसाहब २. संतनी ३. डॉक्टरनी
उत्तर - १. गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - रवीन्द्रनाथ टैगोर |
उत्तर - २. रवीन्द्रनाथ बंगला के प्रसिद्ध साहित्यकार थे |
३. बचपन से बालक रविंद्र को कविताएँ पढ़ने व् लिखने का शौक था |
४. "कविता क्या होती है " बड़े बाहि ने इसका उत्तर दिया कि कविता रस से भरी होती है और लोगों में आनंद भर देती है |
५. कविता लिखने के लिए रवीन्द्रनाथ ने ढेर सारे फूल तोड़े और फूलों का रस निकालने के लिए फूलों को पीसने लगे पर रस निकला ही नहीं | बड़े भाई ने जब पूछा कि यह क्या कर रहे हो तो बोले कि कविता लिखने के लिए रस निकाल रहा हूँ | बड़े भाई हँस पड़े और उन्होंने उन्हें कविता लिखने का गुर बताया |
६. अ. १. चाव २. बड़े भाई
आ. १. प्रसिद्ध २. बड़ा
उत्तर - स. बंगला , कविताएँ , रवीन्द्रनाथ , साहित्यकार
द. उन्हें , अपना , इसका , उनकी
इ. जानता , पूछता है , भर देता है , भरी होती है
७. कविता रस से भरी होती है और यह लोगों को आनंद देती है का अर्थ है कि कविता की लय और ताल लोगों को लुभाती है और उन्हें ख़ुशी देती है |
उत्तर - १. गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - लाल बहादुर शास्त्री |
उत्तर -२. शास्त्री जी का जन्म २ अक्टूबर १९०४ को वाराणसी के निकट मुगलसराय के निर्धन परिवार में हुआ था |
३. शास्त्री जी का जीवन कठिनाइयों से बीता | सुख तो मानो उनके भाग्य में था ही नहीं |
४. इन्होंने बड़ी कठिनाई से मैट्रिक तक की शिक्षा प्राप्त की | फिर काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की |
५. शास्त्री जी ने "जय जवान , जय किसान " का नारा दिया | वे छोटे कद के थे |ये विलक्षण व्यक्ति अपनी उपलब्धियों और गुणों के कारण हमेशा याद किया जाएगा |
६. इन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए गांधी जी की एक पुकार पर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और कई बार इन्होंने जेल यात्रा भी की |
७. अ. १. निर्धन २. विलक्षण /अनूठा ३. भाग्य ४. शुरुआत
उत्तर - आ. लाल बहादुर शास्त्री , परिवार , अक्टूबर , मुगलसराय
इ. स्वतंत्रता , व्यक्तित्व , आर्थिक
ई. १. शुरूआत २. मृत्यु ३. निर्धन ४. स्वतंत्रता ५. पास
उत्तर - १. इस गद्यांश के लिए एक उचित शीर्षक है - राजा अकबर और बीरबल |
उत्तर - २. एक बार किसी राजा ने अकबर से एक घड़ा भरकर बुद्धि माँगी और कहा कि वह उसे चतुर बना देगा |
३. बीरबल ने अकबर से कहा कि वह छ: महीने में एक घड़ा भरकर बुद्धि बना कर दे दूँगा |
४. घर आकर बीरबल ने कददू के बीज बो दिए | बीज से बेल आई , बेल पर छोटे-छोटे फल आए , बीरबल ने घड़े को टेढ़ा करके पेड़ पर रखा और उस पर बेल पर लगे कददू के फल को डाल दिया | कुछ दिन बाद कददू बढ़ते -बढ़ते उस घड़े के अंदर फँस गया | बीरबल ने बेल से कददू को काटकर अलग किया और घड़े को राजा अकबर को दिया |
५. बीरबल ने अकबर के सामने यह शर्तें रखीं - यह घड़ा भरकर बुद्धि है | इसमें से बुद्धि निकाल लीजिए पर ध्यान रखिए कि घड़ा टूटे नहीं | बुद्धि को साबुत निकालकर कर मेरा घड़ा वापिस कर दीजिए |
६. बुद्धि , कददू |
७. १. होशियार २. तरीका ३. पूरा का पूरा
उत्तर - ८. १. छोटे , घड़ा २. छ:
उत्तर - १. धनी पुरुष ने एक मंदिर बनवाया और उसमें ऐसा प्रबंध किया कि उस मंदिर में कोई भी भूखा , दीन या कोई साधु -संत आए तो वह वहाँ दो- चार दिन आराम से ठहर सके |
२. धनी पुरुष को ऐसे आदमी की तलाश थी कि वह इस मंदिर को ठीक -ठाक चला सके | निराश लौटने वाले लोग उस धनी पुरुष को गालियाँ देते और उसे मूर्ख या पागल बताते |
३. एक दिन फटे और मैले कपड़े पहने एक व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने आया | वह पढ़ा -लिखा नहीं जान पड़ता था |
उत्तर - ४. मंदिर के रास्ते में ईंट का एक टुकड़ा गड़ा रह गया था | उसका एक कोना ऊपर निकला रह गया था | लोगों को उससे ठोकर लगती , उन्हें चोट लगती और वे उठाकर चल देते | उसने उस टुकड़े को खोदकर ज़मीन बराबर कर दी | इस प्रकार धनी पुरुष ने इस आदमी को भला माना क्योंकि बाकी सब तो ठोकर
खाकर चल देते |
५. संज्ञा - पुरुष , मंदिर , मनुष्य विशेषण - धनी , निर्धन , दीन -दुःखी
६. १. व्यवस्था २. ज़रूरत ३. बेवकूफ ४. धरती ५. अतिथि
उत्तर - १. कुएँ के मेंढक के पास एक दिन समुद्र का एक मेंढक आया था |
२. कुएँ के मेंढक ने समुद्र के मेंढक से उसका हालचाल और अता -पता पूछा |
३. कुएँ के मेंढक को क्रोध तब आया जब वह समुद्र के मेंढक को कुएँ का चक्कर लगाकर पूछ रहा था कि क्या इतना बड़ा समुद्र होता है और समुद्र का मेंढक जवाब देता था कि इससे भी बड़ा | तब कुएँ के मेंढ़क को क्रोध आया क्योंकि उसने तो कुएँ के अलावा बाहर की
दुनिया देखी ही न थी |
४. अधिक अध्ययन से लाभ होता है कि उससे हमें अपने अज्ञान का पता चलता है |
उत्तर - ५. समुद्र के अनेक मेंढक कुएँ में आ पहुँचे |
६. १. समुद्र बहुत बड़ा होता है |
२. क्रोध से बड़ा कोई शत्रु नहीं |
३. मेंढ़क बारिश में टर्राते हैं |
४. हर गाँव में कुआँ होता है |
उत्तर - १. गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - विज्ञान के परिणाम |
२. प्रदूषण के चार प्रकार होते हैं - वायु प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण , जल प्रदूषण , मिट्टी प्रदूषण |
३. विज्ञान ने मनुष्य को सभी प्रकार की सुख सुविधाओं की वस्तुएँ दी हैं |
४. विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने धरती , पर्वत , आकाश , अंतरिक्ष , सर्दी , गर्मी आदि पर नियंत्रण पा लिया है |
५. प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण जनसंख्या है क्योंकि जनसंख्या बढ़ने से रोटी, रहने की जगह और व्यवसाय अधिक चाहिए इसलिए वनों का कटना और कारखानों का अधिक बढ़ना जारी है |
६. मनुष्य द्वारा किए गए आविष्कारों के दुष्परिणाम हैं - औद्योगिक कचरे ने नदी , तालाब और समुद्र का पानी प्रदूषित कर दिया , पेड़ -पौधों को अपने स्वार्थ के कारण अंधाधुंध काटा , यातायात के साधनों ने विषैले धुएँ को फैलाया , पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा , मौसम में बदलाव आया और समुद्र का आकार बढ़ने लगा |
उत्तर - ७. प्रदूषण , औद्योगिक , पर्यावरण , विज्ञान , अत्याधिक , परमाणु
८. अ. १. फल २. काबू ३. बल ४. बदलाव
आ. १. अत्याधिक २. संतुलन ३. शाप ४. अनेक
इ. विज्ञान , औद्योगिक , अत्याधिक , पर्यावरण
उत्तर - १. इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - मनुष्य का चेहरा |
२. हमारी आँखें देखने के काम आती हैं |
३. नाक सूँघने और साँस लेने और मुँह खाने-पीने और बोलने के लिए काम आता है |
४. हमारा मुँह एक है ताकि हम कम बोलें और कम खाएँ |
५. हमारी आँखें दो हैं ताकि हम चारों ओर की दुनिया देखें और नई -नई बातें देखकर पता करें | हमारे कान दो हैं ताकि हम मधुर संगीत , दुनिया की जानकारी और लोगों के सुख -दुःख सुनें |
६. इस अनुच्छेद को पढ़कर हमने सीखा कि हमारे कान , आँखें और नाक खुले रहते हैं ताकि हम सुनें , देंखें और सूंघें | पर मुँह बंद रहता है ताकि हम तभी बोलें जब आवश्यक हो |
उत्तर - ७. अ. १. खुशबू २. स्वस्थ ३. आवश्यक ४. सदा
आ. १. सुगंध २. स्वस्थ ३. मधुर ४. सुन्दर
इ. कान , नाक , मुँह , चेहरा
ई. सुंदर, बातें
उ. मुँह , आँखें
८. १. ज्यादा न खाना २. सब कुछ देखना
उत्तर - १. इस गद्यांश का उचित शीर्षक है - महात्मा गाँधी |
उत्तर - २. आश्रम का नियम था कि सब लोग अपने बर्तन स्वयं साफ करें |
३. एक दिन गाँधी जी ने बड़े -बड़े पतीलों को साफ करने का भार अपने ऊपर ले लिया |
४. कस्तूरबा ने आकर गाँधी जी से कहा कि यह काम आपका नहीं है , इस काम को करने के लिए बहुत-से दूसरे लोग हैं |
५. गाँधी जी ने जेल के बारे में बताया कि जेल में उन्हें एक मददगार दिया गया था , उसके काम से असंतुष्ट होकर उन्होंने स्वयं लोहे के बर्तनों को चाँदी की तरह माँजकर चमका दिया था |
६. गाँधी जी ने कस्तूरबा की बात मान ली क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी बात मान लेने में बुद्धिमानी है |
७. गद्यांश से सीख मिलती है कि जो भी काम हाथ में लिया जाए , उसे अच्छी तरह से किया जाए |
८. १. उसके मुँह पर कालिख मलकर पूरे गाँव में उसे घुमाया गया |
२. हमें दीन -दुखियों का मददगार बनना चाहिए |
उत्तर - ९. अ. १. बुद्धिमानी २. सफाई ३. तली ४. मददगार
आ. १. बुद्धिमानी २. सफाई ३. असंतुष्ट
इ. धोते थे , ले लिया , आ गईं
उत्तर - १. इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - पंडित जवाहरलाल नेहरू |
उत्तर - २. पंडित नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे |
३. पंडित नेहरू ने अपनी पुत्री को अनेक पत्र लिखे जब वे दस वर्ष की थीं |
४. पत्रों में यह जानकारी दी गई थी - पृथ्वी की शुरुआत कैसे हुई , मनुष्य ने कैसे अपने को धीरे -धीरे पहचाना और समझा ?
५. पंडित नेहरू को अपने देश भारत के बारे में बोलने और बताने में विशेष आनंद आता था |
६. "पिता के पत्र पुत्री के नाम " की ख़ास बात है कि ये पत्र अंग्रेजी में लिखे गए हैं पर सुप्रसिद्ध उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी ने इनका हिंदी अनुवाद किया है |
७. विशेष , अनुवाद , सुप्रसिद्ध , उत्साहित
उत्तर - १. लड़के का नाम फूचांग और मालिक का नाम फाहियान था |
२. लड़के ने मालिक को चेतावनी दी थी कि दुकान पर एक आदमी होने पर कभी भी ताली न बजाए |
३. एक दिन दुकान पर एक सेठ आया और उसने इकट्ठे हुए सभी आदमियों को धक्के मार कर निकाल दिया |
४. मालिक रुपयों की थैली देखकर लड़के की चेतावनी भूल गया और उसने दुकान पर एक आदमी होने पर भी ताली बजा दी | जिसका परिणाम हुआ कि दीवार का मोर आया और बीमार की तरह नाच कर चला गया |
५. लड़का , आदमी , सेठ
६. उसे , तुम्हारा , मैं
उत्तर - ७. चीन देश में एक गरीब लड़की रहती थी |
८. मोर कूदकर नाचने लगे |
उत्तर - १. रामदास एक ग्वाले बेटा था | रोज़ सुबह वह अपनी गायों को जंगल में चराने ले जाता था |
२. रामदास ने सबसे अधिक कीमती घंटी अपनी सबसे सुन्दर गाय के गले में बाँधी थी |
३. अजनबी ने रामदास को घंटी खरीदने के बाद चालीस रुपए दिए |
उत्तर - ४. अजनबी सुन्दर गाय को मौक़ा पाकर अपने साथ ले गया क्योंकि रामदास ने अपनी सुन्दर गाय के गले की घंटी अजनबी को चालीस रुपए में बेच दी थी | गले में घंटी होने की वजह से घंटी की आवाज से रामदास को पता चल जाता था कि गाय कहाँ है | गले में घंटी न होने की वजह से रामदास को पता ही न चला कि उसकी सुन्दर गाय कहाँ है और इस मौके का फायदा अजनबी ने उठाया और गाय को लेकर चला गया |
५. ठगी का सुख बड़ा ही खतरनाक होता है - यह पंक्ति रामदास के पिता ने उससे कही जब रामदास रोता हुआ आया और उसने अपने पिता से कहा कि उसे ज़रा भी अनुमान नहीं था कि घंटी के इतने अच्छे रुपए देकर वह अजनबी उसे इस तरह से ठग लेगा तब पिता ने उसे कहा कि ठगी का दुःख पहले तो सुख देता है और बाद में दुःख | अत: हमें पहले ही उसका सुख नहीं उठाना चाहिए |
६. अपरिचित , अंदाजा
७. जंगल में बड़े खतरनाक जानवर होते हैं |
मंदिर में घंटी बजाकर भगवान् का अभिवादन करते हैं |
पिता की एकाएक मृत्यु से सब दुःख में डूब गए |
उत्तर - १. आइंस्टाइन विज्ञान के क्षेत्र में मशहूर हैं | बचपन में सहपाठी इन्हें "बुदधू" कहकर चिढ़ाया करते थे |
२. आइंस्टाइन को गणित विषय की कक्षा अच्छी नहीं लगती थी |
३. आइंस्टाइन के शिक्षक ने उनसे चिढ़कर कहा कि तुम सात जन्मों में भी गणित नहीं सीख सकते , कुछ और सीखो |
उत्तर - ४. आइंस्टाइन ने अपनी महानता का रहस्य एक विद्यार्थी को बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारी | निराश न होकर निरंतर श्रमपूर्वक प्रयत्न करता रहा और इसी से गणित जैसा कठिन विषय सरल बन गया |
५. हम सफलता प्राप्त करते हैं क्योंकि जब भी कठिनाई आती है तो हमारी सहनशीलता और शक्ति की पहचान हो जाती है | सोना भी आग में तपकर ही खरा हो जाता है | आत्मविश्वासपूर्वक निरंतर प्रयत्न करते हुए कोई भी बुदधू , बुद्धिमान बन सकता है | सही ही कहा गया है - करत करत अभ्यास जड़मति होत सुजान |
६. आइंस्टाइन की कहानी से शिक्षा मिलती है कि करत करत अभ्यास जड़मति होत सुजान अथवा अभ्यास करने से कोई भी बुद्धिमान बन सकता है |
७. सर्वनाम - वह , स्वयं , अपनी , तुम , इसी विशेषण - बुदधू , सात , कठिन , सरल , बुद्धिमान
८. १. उत्तर न आने पर मोहन बगलें झाँकने लगा |
२. परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है |
३. आत्मविश्वास से कोई भी कठिनाई हल की जा सकती है |
४. सहनशीलता मानव का सबसे बड़ा गुण है |
५. हर विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए |
उत्तर - १. मॉस्को में अनेक संग्रहालय , आर्ट गैलरी , लेनिन पुस्तकालय , बड़े क्षेत्र में फैली प्रदर्शनी और वहाँ के स्मारक देखने लायक हैं |
२. बोरोदीना पैनोरमा देखकर आँखों पर विश्वास नहीं होता |
उत्तर - ३ . पैनोरमा भवन काँच और एल्युमिनियम से बना है और इसका आकर बेलन के आकार का है |
४. संग्रहालय - museum , पुस्तकालय - library , प्रदर्शनी - exhibition
५. बहुत - कम , बढ़ता -घटता , विश्वास -अविश्वास , वीरता -कायरता
उत्तर - १. चेला खाने का शौक़ीन था और उसे भूख बर्दाश नहीं होती थी |
२. साधु ने शुरू में चेले से कहा कि आज बेटे चने ही मिले हैं तो चने ही सही , पर यदि तेरी इच्छा जलेबी खाने की है तो मैं चनों को ही जलेबी बना देता हूँ |
३. चेला चार घंटों तक भूख से बैचैन रहा |
४. जातिवाचक संज्ञा - साधू , चेला
भाववाचक संज्ञा - भूख , अधीरता
उत्तर - १. नेहरू जी रूस की यात्रा करने गए हुए थे |
उत्तर - २. बच्चे ने नेहरू जी को अपने रोने का कारण बताया कि वह नेहरू जी से मिलने आया था पर पहरेदारों ने उसे अंदर नहीं आने दिया |
३. नेहरू जी ने बच्चे को एक पेन और फोटो उपहार में देते हुए कहा कि मैं ही पंडित नेहरू हूँ , मुझे तुमसे मिलकर बहुत ख़ुशी हुई | मुझे विश्वास है कि तुम हमेशा भारत देश का नाम याद रखोगे | उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि वे भारत से बहुत प्यार करते थे और भारत के बारे में बताने में उन्हें बहुत मज़ा आता था | दूसरी बात बच्चा रूस से आया था |
४. अ. १. गरीब २. उपहार ३. सदा ४. यात्रा
आ. १. आशा २. गाँव
इ. बच्चा , प्यार
ई. पहरेदार , गुलदस्ता
उत्तर -१. राघव और आदर्श दूसरे शहर में धन कमाने जा रहे थे |
उत्तर - २. दोनों ने एक -दूसरे से वादा किया कि वे सुख -दुःख में एक -दूसरे की सहायता करेंगे |
३. डर के मारे राघव अपना वादा भूल गया और भागकर एक ऊँचें पेड़ पर चढ़ गया |
४. आदर्श ने अपनी माँ से सुन रखा था कि भालू मरे हुए आदमी को नहीं खाता |
५. आदर्श भालू को आते देख ऐसे लेट गया जैसे कि मर गया हो |
६. गद्यांश से सीख मिलती है कि स्वार्थी मित्र से सदा दूर रहो |
७. गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है - आदर्श और राघव -दो मित्र |
८. अ. बुद्धिमान , मरा हुआ , स्वार्थी , ऊँचा , बहादुर
आ. सदा , जंगल , आता , डरपोक नासमझ
उत्तर - १. राजा के तीनों पुत्र आलसी और बुदधू थे जिसके कारण उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था | २. राजा ने प्रसिद्ध विद्वान विष्णु शर्मा को अपने दरबार में बुलाया और अपने तीनों पुत्रों की ज़िम्मेदारी उन्हें सौंप दी |
उत्तर-३. विष्णु शर्मा ने राजा को आश्वासन दिया कि वे
केवल छ: महीनों में राजकुमारों को नीति निपुण बनाकर राजकाज चलाने में सक्षम बना
देंगे | अपना वचन निभाने के लिए उन्होंने राजकुमारों को मन बहलाने वाली नीति कथाएँ
सुनानी आरम्भ कीं | परिणामस्वरूप वे राजकुमार शिक्षा में रूचि लेने लगे |
४. “पंचतंत्र “ में शिक्षाप्रद और रोचक
कहानियाँ हैं |
६. अ. १. उत्तरदायित्व २. आश्वासन ३. रूचि
४. रोचक ५. आरम्भ ६. प्रयास
आ. १. आलसी
२. नासमझ/बुद्धू ३. सुधारना ४. आरम्भ
५. सरस /रोचक
७. १. आलसी और बुद्धू
२. प्रसिद्ध, विष्णु शर्मा
उत्तर -१. व्यापारी एक जैसे दिखने वाले दो घोड़ों को दरबार में बेचने के लिए लेकर आया |
२. दोनों घोड़ों में समानताएँ
थीं कि दोनों घोड़ों की शक्ल , कद –काठी और रंग समान थे |
उत्तर - ३ . रानी ने दोनों घोड़ों को देखकर एक घोड़े का दाम एक हज़ार रुपए
और दूसरे घोड़े का दाम मात्र पचास रुपए लगाया |
४ . रानी ने दोनों घोड़ों की कीमत में अंतर रखा क्योंकि एक घोड़ा
उत्तम कोटि का स्वस्थ घोड़ा था और दूसरा किसी रोग का शिकार है और उसकी उम्र भी कम
है |
५ . व्यापारी रानी की
सूझ –बूझ और बुद्धिमानी देखकर प्रभावित हुआ |
६ . गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई
की सूझ –बूझ
७ . १. ग्राहक २.
घुड़सवारी ३. राजमहल
८ . अ. १. कीमत २.
आश्चर्यचकित ३. भेद ४. आयु
आ. १. स्वस्थ २. अविश्वास
३. प्रभावित ४. अच्छी
उत्तर - १. एक बार सियार को जंगल में कुछ खाने को न मिला इसलिए वह एकब बस्ती में खाने की खोज में गया| वह एक धोबी के घर में घुस गया | वहाँ पर एक बाल्टी में नील का पानी था , सियार को लगा कि शायद उसे इसमें कुछ खाने को मिल जाए | बाल्टी बड़ी थी , वह कूदा , बाल्टी में गिर पड़ा , रात का समय था | जाड़े के दिन भी थे , वह थर- थर काँपने लगा और वहाँ से भागा |
२. सियार को अपने बदले रंग का पता चला जब उसने प्रात:काल पानी पीते समय अपनी परछाई पानी में देखी | चालाक सियार ने अपने बदले रंग और मौके का फायदा उठाकर अपने को जंगल का राजा घोषित कर दिया |
३. काने सियार ने राजा सियार के बारे में सोचा कि दाल में कुछ काला है क्योंकि राजा सियार किसी भी सियार को अपने पास फटकने नहीं देता था | उसने सभी सियारों को कहा कि रंग को छोड़ शक्ल -सूरत में यह नया राजा उन्हीं की तरह लगता है | इसलिए सबने एक दिन मिलकर हुआ -हुआ करना शुरू किया तो नया राजा भी सियारापनी छोड़ हुआ -हुआ करने लगा और ऐसे उसकी पोल खुली |
४. १. शक २. बुरी दशा ३. हैरान
उत्तर - १. सेठ एक चोर को थाने की ओर लेकर चल दिया क्योंकि वह चोर उसके घर चोरी करते हुए पकड़ा गया था |
२. चोर ने थाने न जाने के बहाने बनाए - सेठ जी मैं और मेरे बच्चे दो दिन से भूखे हैं | बहुत ठंडक है , मैं सर्दी से मरा जा रहा हूँ और यदि आप कहें तो मैं घर से अपने लिए कम्बल ले आऊ |
३. चोर ने कहा कि बहुत ठंडक है , मैं सर्दी से मरा जा रहा हूँ और यदि आप कहें तो मैं घर से अपने लिए कम्बल ले आऊ - इस बहाने को सुनकर सेठ जी ने उसे घर जाने दिया |
४. एक सप्ताह के बाद चोर सेठ जी के घर वापिस आया क्योंकि उसने सोचा कि जो भी सामान छूट गया था , उसे वह ले जाएगा |
५. नींद टूटने पर चोर ने अपने आपको बँधा पाया |
६. सेठ जी उसे घसीटते हुए थाने ले जाने लगे |
७. इस बार चोर ने बहाना बनाया कि मैं सर्दी से मर जाऊँगा और आप दोषी होंगे | फिर पुलिस आपको पकड़कर ले जाएगी |
८. सेठ जी ने इस बहाने को सुनकर उसे कहा कि वह उन्हें उसका पता दे , वे उसके घर स्वयं जाकर कंबल ले आएँगे |
९. सेठ जी अपनी मूर्खता पर पछताए क्योंकि चोर ने उन्हें अपना झूठा पता दिया और वे चोर को वहीँ छोड़कर कंबल लेने गए | जब वह बहुत देर बाद थके -हारे लौटे तो चोर वहाँ से गायब था |
२. १. मकान २. जेलखाना ३. पथ ४. जाड़ा ५. प्रतीक्षा ६. हफ़्ता
३. १. खुला २. गर्मी ३. स्वीकार ४. निर्दोष ५. सच्चा ६. बुद्धिमानी ७. अवज्ञा
४. १. चोरनी २. सेठानी ३. बच्ची ४. बेटी
५. १. थाना २. रास्ता ३. बच्चा ४. गाली ५. चोरियाँ ६. मूछें ७. खुशियाँ
उत्तर - १. लम्बी छुट्टियों के बाद स्कूल जाते समय रवि ने देखा कि स्कूल के निकट के खेल के मैदान में खुदाई हो गई थी |
२. रवि की आंखों में आँसू छलकने लगे क्योंकि जब उसे लोगों ने बताया कि इस खेल के मैदान पर एक बहुमंजिली इमारत बनेगी तो उसे समझ में आया कि मुलायम घास , गेंदे के फूल और रंगबिरंगी तितलियों वाला मैदान अब नष्ट हो गया है |
३. जो भी हम अपने आस -पास देखते हैं , वह सब पर्यावरण ही है |
४. मुलायम -विशेषण , घास -विशेष्य
५. नष्ट -नाश , विशाल - बहुत बड़ा /विस्तृत , सुबह -प्रात: काल , शिक्षक -अध्यापक
उत्तर - १. कबड्डी का खेल खुले और समतल स्थान में खेला जाता है |
२. दुनिया भर में क्रिकेट , हॉकी , फुटबॉल , लॉन टेनिस और शतरंज जैसे खेल लोकप्रिय हैं |
उत्तर - ३. कबड्डी खेलने से शरीर की माँसपेशियाँ मज़बूत होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है |
४. कबड्डी का खेल भारत और उसके आस -पास के देशों में बढ़ रहा है |
५. कबड्डी के खेल में अब तक भारत ही आगे बना हुआ है |
६. गरीब , पीछे
१. स्वतंत्रता दिवस का त्योहार लोग नए उत्साह से मनाते हैं | इस दिन पूरे देश में ख़ुशी छाई रहती है | लोग सभाएँ करते हैं और देश का झंडा फहराते हैं | इस अवसर पर राष्ट्रगान गाया जाता है |
उत्तर - २. स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है |
३. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर झंडा प्रधानमंत्री मंच पर पहुँचकर फहराते हैं |
४. लाल किले पर तीनों सेनाओं के और पुलिस के जवान , स्कूली बच्चे , एन. सी. सी. के कैडिट्स आते हैं |
५ . प्रधान मंत्री देश के नाम अपना संदेश देते हैं और पूरा देश उनका संदेश बड़े ध्यान से सुनता है |
६. सुबह - सवेरे , देश -वतन
उत्तर- १. conflicts -संघर्षों २. summary -सार ३. various -विभिन्न ४. countless -अनगिनत ५. mostly - अधिकांश ६. art -कला ७. condition - स्थिति ८. organism - जीव ९. humanity -मनुष्यता १०. courage -साहस ११. recognition -पहचान १२. slow -धीमा /धीरे १३. mutiny -क्रांति १४. definitions -परिभाषा १५. comparison -तुलना १६. conflicted -संघर्षमय १७. majority -बहुमत
उत्तर - १. राजनैतिक क्षेत्र में समाचार -पत्र का महत्त्व है क्योंकि जब भी राजनैतिक क्षेत्र में कोई समस्या उठ खड़ी होती है तो समाचार पत्र राजा और प्रजा , सरकार और जनता दोनों पक्षों के विचारों प्रकाशित कर देते हैं | वे अपने सम्पादकीय लेखों और टीका -टिप्पणियों की सहायता से उस समस्या को सुलझाने की कोशिश करते हैं , सरकार का ध्यान जन -साधारण की ओर आकर्षित करते हैं , निरंकुश शासन का विरोध करते हैं और शोषक और शोषित के मध्यस्त बनकर शान्ति -स्थापना की कोशिश करते हैं |
२. समाचार पत्र द्वारा समाज की बुराइयों व् कुरीतियों को दूर किया जा सकता है | वे समाज की बुराइयों को जड़ से हटा सकते हैं | वे नए नए विचारों का प्रसार कर लोगों में चेतना लाते हैं |
३. समाचार पत्र व्यापारियों की सहायता करता है - इसकी सहायता से नया व्यापारी अपनी वस्तु को पुराने व्यापारी की तुलना में रख सकता है और ग्राहकों को भी लगभग उसी संख्या में और कभी -कभी उससे भी अधिक संख्या में आकृष्ट कर सकता है |
४. इस गद्यांश का उचित शीर्षक है - समाचार पत्र की उपयोगिता |
५. इस गद्यांश का सार है कि समाचार पत्र मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी हैं | ये हर क्षेत्र में जैसे कि राजनैतिक , व्यापारिक और सामाजिक क्षेत्र सभी में अपनी भूमिका निभाते हैं | इनकी सहायता से समाज , देश , दुनिया में नए -नए विचारों का प्रसार होता है जिससे लोगों में जागृति आती है और समाज , देश और दुनिया प्रगति की ओर बढ़ते हैं |
६. १. विज्ञापन लोगों आकर्षित करते हैं |
२. हम सुंदर चीज़ों आकृष्ट होते हैं |
३. चुनाव में प्रचार कर नेता जीतते हैं |
४. पारस्परिक सहयोग से कुछ भी पा सकते हैं |
५. हमेशा प्रयत्नशील रहो , सफलता मिलेगी |
६. निरंकुश राजा से सब नफ़रत करते हैं |
७. उसने उन दोनों का मध्यस्त बन कर समस्या सुलझायी |
८. दहेज जैसी कुरीतियों को छोड़ देना चाहिए |
९. आजकल तकनीकी शिक्षा का प्रसार बढ़ रहा है |
१०. उसकी टीका -टिप्पणी को बड़ा महत्त्व मिला |
No comments:
Post a Comment