मैं वैली स्कूल में पढ़ाती हूँ
। यहाँ पर मिडिल स्कूल और हाई स्कूल की कक्षाएँ लेती हूँ । वैली स्कूल में हम पाठ्य
पुस्तक का प्रयोग न कर विभिन्न साधनों का प्रयोग कर विभिन्न विषय छात्र-छात्राओं को
सिखाते हैं । इसलिए व्याकरण के मुद्दों को सिखाने के लिए हम विभिन्न स्रोतों से सामग्री
संकलित करते हैं जिससे छात्र -छात्राएं विषय को अच्छी तरह से समझ सकें । इस ब्लॉग में
प्रकाशित कार्य - पत्रिकाएं और अभ्यास -पत्रिकाएं
विभिन्न पाठ्य -पुस्तकों, व्याकरण पुस्तकों और रचनात्मक पुस्तकों से एकत्रित की गई हैं । यहाँ मैं इस सामग्री को
शीर्षक के अनुसार और प्रत्येक कक्षा के स्तर के अनुरूप प्रस्तुत कर रही हूँ । इस प्रकार
यह स्पष्ट है कि विषय -सामग्री पर मैं अपना अधिकार नहीं जमा सकती । मैं इसे संकलित
करने का दावा अवश्य कर सकती हूँ । विशेष रूप से यह कि इस विषय सामग्री को एक व्यवस्थित
और संगठित ढंग से कक्षा के अनुरूप पढ़ाने और बच्चों को अच्छी तरह से समझाने का दावा
कर सकती हूँ । इस विषय सामग्री को अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ-साथ सभी छात्र-छात्राओं
के साथ बांटने में मुझे बहुत ख़ुशी है और मैं सभी पुस्तकों और उन्हें लिखने वालों का
शुक्रिया करती हूँ कि उन्हीं के कामों को पहले मैंने अपने अध्यापन में प्रयोग किया
और अब सबके साथ इसे बांट कर मैं सभी लेखकों के काम को बहुत से लोगों तक पहुंचा रही
हूँ । आशा है कि आप सब को मेरा यह प्रयत्न पसंद आएगा और सभी के लिए यह सामग्री उपयोगी
सिद्ध होगी ।
उत्तर - मुर्गी , चूजों , कोयल , चूहा , चिड़िया , अंगूर , पेड़ |
उत्तर - ग्वालिन , मटका , ग्वालिन , पैसे , पैसों अंडे , अण्डों , मुर्गियाँ , मुर्गियाँ , मटका |
कहानी - एक व्यापारी था | वह टोपियाँ बेचता था | एक बार वह टोपियाँ बेचने शहर जा रहा था | रास्ते में वह एक पेड़ के नीचे रुका | उसने खाना खाया और पानी पीया | खाना खाकर वह थोड़ी देर के लिए सो गया | पेड़ के ऊपर कुछ बन्दर बैठे थे | व्यापारी के सो जाने पर वे पेड़ से नीचे उतरे और उसका सामान छेड़ने लगे | उन्हें टोपियाँ दिखाई दीं | सब वे टोपियाँ लेकर पेड़ पर चढ़ गए | जब व्यापारी जाएगा तो उसे अपने टोपियाँ नजर न आईं | उसने इधर -उधर देखा तो पेड़ पर बंदरों को देखा | उनके पास उसकी टोपियाँ थीं | उसने अपनी टोपियाँ वापिस लेने की बहुत कोशिश की पर उसे सफलता न मिली | तब उसने अपने सिर की टोपी निकाल कर फेंकी | उसे देखकर बंदरों ने भी अपनी टोपियाँ फेंकी | व्यापारी ने अपनी सारी टोपियाँ जमा कीं और अपने रास्ते चला गया |
शिक्षा - बुद्धिमानी के बल पर किसी भी समस्या का हल कर सकते हैं |
कहानी - दो बिल्लियाँ थीं | एक सफेद और दूसरी काली | दोनों को एक बार एक रोटी मिली | दोनों रोटी खाने के लिए लड़ने लगीं | तभी एक बन्दर उन्हें मिला | उन्होंने उससे रोटी बांटने के लिए कहा | बन्दर एक तराजू लेकर आया | उसने रोटी को दो हिस्सों में बाँटकर दोनों पलड़ों में रखा | एक पलड़ा भारी था तो उसने उस पलड़े की रोटी का एक टुकड़ा काटा और खा लिया फिर दूसरा पलड़ा भारी हो गया तब उसने दूसरे पलड़े की रोटी से एक टुकड़ा काटकर खा लिया | अब पहला पलड़ा भारी हो गया और उसने फिर से उस पलड़े की रोटी से टुकड़ा काटकर खा लिया | ऐसे करते -करते अंत में एक टुकड़ा बचा | उसने बिल्लियों से कहा कि यह टुकड़ा मेरे न्याय करने की फीस है | दोनों बिल्लियाँ अपना-सा मुँह लेकर रह गईं |
शिक्षा - अपनी लड़ाई में किसी तीसरे को लाभ मिल सकता है |
उत्तर - एक कछुआ और एक खरगोश किसी जंगल में रहते थे | खरगोश हमेशा कछुए की चाल की हँसी उड़ाया करता था | एक बार कछुए ने खरगोश को कहा कि चलो , दौड़ लगाएँ ताकि यह फैसला हो जाए कि कौन तेज दौड़ता है | खरगोश को कछुए की इस बात पर हँसी आई | उसने कहा कि कल हममें दौड़ होगी | दोनों ने एक लोमड़ी को अपनी दौड़ का जज बनाया | दोनों अगली सुबह एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए | लोमड़ी ने एक, दो , तीन कहकर दौड़ शुरु कराई | खरगोश दो -तीन छलाँगों में काफी दूर चला गया | कछुआ धीरे -धीरे चल रहा था | कछुए को इतनी दूर देखकर खरगोश ने सोचा कि थोड़ा आराम कर लूँ | उसने हरी -हरी कोमल घास खाई और झाड़ियों के पास सो गया | कछुआ धीरे -धीरे चलता रहा | उसने रास्ते में देखा कि खरगोश सो रहा है | वह चुपचाप चलता गया | शाम होने पर खरगोश की नींद खुली वह छलांगे लगाता हुआ पहुँचा पर कछुआ तो पहले से ही वहाँ पहुँचा हुआ था | लोमड़ी ने कछुए को विजयी घोषित किया |
शिक्षा - लगातार धीरे चलते रहने से ही जीत हासिल होती है |
कहानी - एक दिन लोमड़ी ने सारस को अपने घर में दावत दी | सारस ख़ुशी -ख़ुशी उसके घर दावत खाने पहुँचा | लोमड़ी ने गोल और चौड़ी थाली में उसके लिए मिठाई और खीर परोसी | सारस अपनी लम्बी चोंच के कारण बड़ी मुश्किल से कुछ ही खा पाया | लोमड़ी तो जल्दी-जल्दी अपनी जीभ से सब खीर चाट गई | इसके बाद सारस ने लोमड़ी को अपने घर दावत दी | तो उसने खीर एक सुराही में परोसी | सारस तो अपनी लम्बी चोंच से सारी खीर चटपट खा गया | पर लोमड़ी अपना -सा मुँह लेकर रह गई | उसे अपनी भूल पता चल गई |
शिक्षा- जैसे को तैसा ही मिलता है |
उत्तर - लड़की , चाँद , खिड़की , पत्र , पतंग |
उत्तर - फुलझड़ियाँ , सेवईं , कहानियाँ , दवाइयाँ | है , हैं , है | होली , गुलाल , पिचकारियों , नाच , खुश |
उत्तर - शेर , चुहिया , शेर , चुहिया , शेर , चुहिया , शेर , शेर , चुहिया | आना , रेंगना , खुलना , भागना , बोलना , छोड़ना , मारना , जाना |
उत्तर - वीर , कदम , कठिनाई , पहरा , झंडा , प्रेम | सुबह , दौड़ , खाता , पढ़ता |
उत्तर - स्वच्छ , फल और फूल , लकड़ी , वर्षा , छाया , घोंसले | आम , खजूर , नारियल | सूरज -किरण , कप -प्लेट , बाल्टी -लोटा , कुरता -पजामा , कमीज - पैंट , जूते -जुराब , साड़ी -ब्लाउज |
उत्तर - तिरंगा , तीन , केसरिया , सफेद , हरा , चक्र , सलाम | राष्ट्रीय , पूँछ , पँख , कलगी , बादलों , नाचने | पाठशालाएँ , कन्याएँ , कविताएँ , अध्यापिकाएँ , मालाएँ , कक्षाएँ , ऋतुएँ , शाखाएँ |
उत्तर - मछलियाँ , बगुला , मछलियों , मछलियों , पानी , मछलियों , मछलियाँ , बगुला , मछली, पेड़ , चट्टान , मछलियाँ , केकड़ा , केकड़ा , बगुले |
उत्तर - चट्टान , मछलियों , हड्डियाँ , बगुले , केकड़े , बगुले | विशेषता - धूर्त , भोली , बड़ा , बड़ी , चालाक | नाम - बगुला , मछलियाँ , तालाब , चट्टान , केकड़ा | कर्कश आवाज , रंग-बिरंगे फूल , डरावना आदमी , हरी -हरी घास , रसदार आड़ू , चहकते पक्षी |
उत्तर - खरबूजे, आमंत्रित , साथ , भुक्खड़ , अधिक , गूदे , छिलके |
उत्तर - चावल -चीनी | सब्ज़ियां | काटा | खीर | मिलकर |
उत्तर - पेड़ , कौआ , साँप , अण्डे , कौआ , लोमड़ी , लोमड़ी , रानी , हार , साँप , बिल , हार , सिपाहियों, साँप , कौआ |
उत्तर - जोकर , तोंद , गेंदें , हँसाऊँ , जाऊँ | बजाईं , खेलने , हँसाया | चाहता , रही , खड़ा |
उत्तर - धीरे -धीरे , चुपके से , तेजी से , डरते हुए | मेमना , पढ़ने , भेड़िया , खाऊँ , घर |
उत्तर - लड़की , नानी , चाँद , खिड़की , चाँद , खुश , पतंग , नाना , चाँद पत्र , पतंग , चाँद , चंदा , घर , दावत , सूरज |
उत्तर - सूरज , बादलों , वर्षा , पतंग , अलमारी , मिनी , घर , पत्र | भिनभिनाती , भौंकता , चहचहाती , दहाड़ता , रंभाती , हिनहिनाता , म्याऊँ -म्याऊँ , काँव -काँव |
उत्तर - अच्छे , रात , तारों , खेलते , आपके साथ , चंदा , सब , अपने मित्रों , पास | चन्दा मामा , आकाश |
कहानी का नाम - हिरण , कछुआ और आदमी |
उत्तर - कुत्ते को , रोटी का , मुँह में , पुल के , नाले में , रोटी लिए , परछाई पर , मुँह मारता , पानी में |
कौआ , पानी , घड़े , बहुत , कौआ , सोची , थे , कंकड़ , घड़े , गया , घड़े , अपनी , और , कौआ
उत्तर - घर , पेड़ , बाजार , चलने , बारिश , छतरी , छिप , भूख , अमरूद , चढ़ , चलते, मजे |
मूल्यवान , वापस , बीत , बरबाद , सदुपयोग , सफल |
उत्तर - बाज़ार , सहेली , हाथ , खिलौने , भीड़ , रोने , नाम , घर , चाचा, गोद |
सूरज , काम , किसान , कुएँ , गेंद , बस्ता , पाठशाला |
उत्तर - बिल्लियाँ , सफेद , काली , रोटी , झगड़ा , बन्दर , चालाक , बड़ा , तराजू , ऊपर , खा ली ,नीचे , सारी |
रसीले , आनंद , छाया , फल , पेट , पत्थर , पौधों , फलदार |
उत्तर - नन्ही , नेता , राष्ट्रपति , चित्र , दुबले , दाढ़ी , वोट , राष्ट्रपति , लड़की , नमस्ते |
गाँव , हरा -भरा , सुन्दर , तालाब , नहाने , खेतों |
उत्तर - हाथी , मटका , चूहा , मटका , हाथी , मटके , सूरज , आँखें , हाथी , पेड़ , चिड़िया , हाथी , चिड़िया , चूहे , चिड़िया , हाथी , सूरज , घर , हाथी , चूहे , घर , खरगोश , हाथी , खरगोश , चूहे , मटका , खरगोश , चूहा , बाज़ार , मछली | हाथी , बाज़ार , बिल्ली , बिल्ली , मूँछें , हाथी , बिल्ली , चूहे , मटका , मटका , चूहे , हाथी , बिल्ली , हाथी , बिल्ली , मटके , उल्लू , उल्लू , हाथी , बिल्ली | उल्लू ने बिल्ली को समझाया होगा कि लड़ाई करना गलत है इसलिए हाथी को मटका दे दो | वह तुमसे बड़ा है | छोटों को बड़ों का सम्म्मान करना चाहिए | बिल्ली ने उल्लू की बात मानकर हाथी को मटका दे दिया होगा |
पेड़ , पेड़ , चिड़िया , चिड़ियाँ उससे लड़ने लगीं | उसे पेड़ पर रहने देने को मना करने लगीं | नई चिड़िया ने उनसे बहुत प्रार्थना की तब उन्होंने उसे एक शर्त पर पेड़ पर रहने देने की आज्ञा दी कि वह उनके लिए घोंसला बनाएगी | वह उनके बच्चों का ध्यान रखेगी | नई चिड़िया ने उनकी बात मान ली | तब से वे सब बड़े प्यार से रहने लगीं |
उत्तर - लड़का (ऋषि ) गिर पड़ा | ऋषि रो रहा है | चारु और मनन ने ऋषि की मरहम -पट्टी की और उसे रोने के लिए मना किया | तीनों दोस्त बन गए |
उत्तर - था , बिताई , रहने , हुई , पहले , उसे , बनाने लिख , को , बाजार , थैले , रहा , को |
उत्तर - झट , उड़ , हाजी , ऊपर , लोगों, देख , ज़ोर , हँसी , रहे , से , पर , लिया , विधि |
उत्तर - सही , गलत , सही , गलत , सही सही , गलत , गलत , गलत , गलत , सही |
उत्तर - लड़ रहे हो , गेंद , नहीं छीनते , इसकी गेंद , गई है , झूठ बोलता है |
उत्तर - शेर , राजा , शेर , शिकारी , जाल , जाल , शेर की आँख , जाल चूहे , दाँतों , जाल , शेर , जाल |
उत्तर - नदी , नदी , बन्दर , पेड़ , बन्दर , नदी , मगरमच्छ , मगरमच्छ , बन्दर , नदी , बन्दर मगरमच्छ , मगरमच्छ , बन्दर , मगरमच्छ , बन्दर , घर , घर , मगरमच्छ बंदर , बन्दर , बन्दर , मगरमच्छ , मगरमच्छ |
उत्तर - पेड़ , पेड़ , बन्दर , मगरमच्छ , पेड़ , बन्दर , पेड़ |
उत्तर - किसान , पुत्र , किसान , पुत्र , किसान , पुत्रों , फसल , किसान पुत्र , किसान , खेत खजाना , खजाने , खेत , फावड़े |
उत्तर - किसान , बारिश, खेतों , अंकुर , फसल , किसान , पुत्रों , खजाना , खजाना |
लड़का , गाँव |
उत्तर - गायों , शरारती , झूठ , गाँववालों , पहाड़ी , गायों , चराने , शेर , खा , लड़का , गुस्सा , गाँववाले , शेर , गायों , मदद , झूठ , शेर |
उत्तर - हाथी , नदी , नहाने , दर्जी , दुकान , हाथी , दुकान , दर्जी , दोस्ती , दर्जी , रोटी , नदी , नहाने , दर्जी , दुकान , दर्जी , माँगने , व्यस्त , हाथी , केला , केले , सूँड , सुई , शरारत , गुस्सा , नदी , सूँड , पानी , वापस , नाराज , दुकान |
उत्तर -१. यह पत्र पल्लवी ने अर्पिता को लिखा | २. यह पत्र १० जून को चैन्नई से लिखा गया | ३. पत्र लिखने वाली पत्र नहीं लिख पाई क्योंकि वह भ्रमण कर रही थी | ४. दोनों साथ होतीं तो बहुत आनंद आता |
उत्तर - गोपू सपने में घी का मटका देख रहा था | सपने में उसने घी को बेचा और मिले हुए रुपयों से मुर्गी खरीदी | फिर मुर्गी के अंडे बेचकर रुपए जमा किये और उन रुपयों से बकरी खरीदी | बकरी का दूध बेचकर गोपू ने एक गाय खरीदी | फिर गाय का दूध और घी बेचकर वह अमीर हो गया | उसने नौकर रखा | उसने नौकर को अपने पैर दबाने को कहा जब नौकर ने पैर दबाने को मना किया तो उसने जोर से उसे लात मारी तो घी का मटका टूट गया और गोपू का सपना टूट गया |
उत्तर - १. गोपू सोते - सोते सोच रहा था कि वह घी बेचकर मुर्गी खरीदेगा | २. घी को बेचकर वह मुर्गी , मुर्गी बेचकर बकरी , बकरी बेचकर वह गाय खरीदना चाहता था | ३. अंत में उसने सपने में नौकर को गुस्से में लात मारी तो वह लात घी के मटके पर लगी और मटका टूट गया | उसने यह लात मारी क्योंकि नौकर ने उसके पैर दबाने से मना कर दिया था | ४. कहानी का नाम है - गोपू का सपना |
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