मैं वैली स्कूल में पढ़ाती हूँ
। यहाँ पर मिडिल स्कूल और हाई स्कूल की कक्षाएँ लेती हूँ । वैली स्कूल में हम पाठ्य
पुस्तक का प्रयोग न कर विभिन्न साधनों का प्रयोग कर विभिन्न विषय छात्र-छात्राओं को
सिखाते हैं । इसलिए व्याकरण के मुद्दों को सिखाने के लिए हम विभिन्न स्रोतों से सामग्री
संकलित करते हैं जिससे छात्र -छात्राएं विषय को अच्छी तरह से समझ सकें । इस ब्लॉग में
प्रकाशित कार्य - पत्रिकाएं और अभ्यास -पत्रिकाएं
विभिन्न पाठ्य -पुस्तकों, व्याकरण पुस्तकों और रचनात्मक पुस्तकों से एकत्रित की गई हैं । यहाँ मैं इस सामग्री को
शीर्षक के अनुसार और प्रत्येक कक्षा के स्तर के अनुरूप प्रस्तुत कर रही हूँ । इस प्रकार
यह स्पष्ट है कि विषय -सामग्री पर मैं अपना अधिकार नहीं जमा सकती । मैं इसे संकलित
करने का दावा अवश्य कर सकती हूँ । विशेष रूप से यह कि इस विषय सामग्री को एक व्यवस्थित
और संगठित ढंग से कक्षा के अनुरूप पढ़ाने और बच्चों को अच्छी तरह से समझाने का दावा
कर सकती हूँ । इस विषय सामग्री को अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ-साथ सभी छात्र-छात्राओं
के साथ बांटने में मुझे बहुत ख़ुशी है और मैं सभी पुस्तकों और उन्हें लिखने वालों का
शुक्रिया करती हूँ कि उन्हीं के कामों को पहले मैंने अपने अध्यापन में प्रयोग किया
और अब सबके साथ इसे बांट कर मैं सभी लेखकों के काम को बहुत से लोगों तक पहुंचा रही
हूँ । आशा है कि आप सब को मेरा यह प्रयत्न पसंद आएगा और सभी के लिए यह सामग्री उपयोगी
सिद्ध होगी ।
उत्तर - १. दिन दिन २. शक्ति के अनुसार ३. सामर्थ्य के अनुसार ४. जैसे भी उचित हो ५. यथा +विधि ६. यथा +सम्भव ७. यथा +स्थान ८. यथा +अवसर ९. भर +पेट १०. हर +घड़ी ११. बे +खटके १२. आ +जन्म १३. रात +रात १४. हाथ +हाथ १५. दिन +दिन १६. प्रति +एक १७. अनु +रूप १८. आ +मरण १९. प्रति +वर्ष २०. आ +जीवन २१. नि : +संदेह २२ . स+आदर २३. नि +डर २४. आ +समुद्र २५. रात +भर २६. दिन +भर २७. बीच +बीच २८. प्रति + ईक्ष २९. धड़ +धड़ ३०. धीरे +धीरे ३१. यथा +संख्या ३२. हर +दिन ३३. यथा +मति ३४. अन+जाने ३५. हर +समय ३६. बे +शक ३७. क्षण +क्षण ३८. साफ +साफ ३९. एक +एक ४०. यथा+शीघ्र
उत्तर -४१. गली +गली |
१. स्वर्ग को प्राप्त २. देश को गत /गया ३. परलोक को गमन/गया ४. ग्राम को गत /गया ५. मुँह को तोड़ना ६. स्वर्ग को गत /गया ७. मरण को आसन्न /करीब |
१. तुलसी से कृत /किया हुआ २. हस्त से लिखित /लिखा हुआ ३. नीति से युक्त ४. मन से माना ५. रेखा से अंकित ६. अकाल से पीड़ित ७. रोग से ग्रस्त /पीड़ित ८. मद से माता/पागल ९. मन से गढ़ंत /गढ़ा हुआ १०. बैल द्वारा गाडी ११. कष्ट से साह्य १२. भूख से मरा १३. आकाश से वाणी १४. रेल से यात्रा १५. मद से अंधा १६. दैव से मारा १७. मुँह से माँगा १८. गुण से युक्त १९. आशा से तीत /भरा हुआ २०. भय से आकुल /बेचैन |
१. रसोई के लिए घर २. हाथों के लिए कड़ी ३. देश के लिए भक्ति ४. देश के लिए प्रेम ५. हवन के लिए सामग्री ६. रण के लिए क्षेत्र ७. युद्ध के लिए क्षेत्र /भूमि ८. क्रीड़ा के लिए क्षेत्र ९. डाक के लिए गाडी १०. राह के लिए खर्च ११. माल के लिए गोदाम १२. सत्य के लिए आग्रह १३. देश के लिए अर्पण १४. यज्ञ के लिए शाला १५. गुरु के लिए दक्षिणा १६. छात्रों के लिए आवास १७. यज्ञ के लिए घृत /घी १८. परीक्षा के लिए भवन १९. देव के लिए बलि |
उत्तर - १. ऋण से मुक्त २. रोग से मुक्त ३. पथ से भ्रष्ट ४. देश से निकाला ५. सेवा से निवृत्ति ६. धन से हीन ७. जन्म से अँधा ८. जीवन से मुक्त /आजाद ९. हृदय से हीन /गिरा हुआ १०. जन्म से रोगी ११. नरक से भय १२. स्वर्ग से पतित /गिरा हुआ १३. पद से च्युत /हटाया हुआ १४. भय से भीत /डरा हुआ १५. जाति से भ्रष्ट / गिरा हुआ १६. भय से आतुर /व्याकुल |
१. शासन की पद्धति /तरीका २. पर्ण (पत्तों )की शाला ३. मार्तण्ड का मंडल ४. राजा की माता ५. सेना का नायक ६. राष्ट्र का पति ७. गंगा का जल ८. देश का वासी ९. घोड़ों की दौड़ १०. राजा का कुमार ११. लाखों का पति १२. विश्वास का पात्र १३. माखन का चोर १४. राम की कहानी १५. राजा की कन्या १६. भारत का रत्न १७. उद्योग का पति १८. बैलों की गाडी १९. भूमि का पति २०. आज्ञा के अनुसार २१. प्रजा का पति २२. लोक की सभा २३. आम का चूरा २४. दुग्ध की धारा २५. जन्म की भूमि २६. राजा की सभा २७. जल की धारा २८. पर का (दूसरों के ) आधीन २९. राजा का पुरुष ३०. जल का प्रवाह ३१. मृग का शावक |
१. स्नेह में मग्न २. वन में वासी /रहने वाला ३. ध्यान में मग्न ४. आनंद में मग्न ५. कुल में श्रेष्ठ / सबसे अच्छा ६. ग्राम में वास /रहना |
उत्तर - ७. घोड़ों पर सवार ८. गृह में प्रवेश ९. शरण में आगत /आया हुआ १०. सिर में दर्द ११. रेल पर गाडी १२. शोक में मग्न १३. पुरुषों में उत्तम /सबसे अच्छा १४. दही में वड़ा १५. घृत में अंत १६. आप /अपने पर बीती १७. व्यवहार में कुशल १८. युद्ध में स्थिर १९. वन में चर /चरने वाला /रहने वाला २०. कार्य में कुशल २१. युद्ध में वीर २२. विद्या में प्रवीण |
१. नील रूपी कमल २. नीला जैसा कम्बल ३. पीत रूपी अम्बर ४. महान जैसा देव ५. मृग रूपी नयन ६. महान जैसी आत्मा ७. परम रूपी आनंद ८. शूर जैसा वीर ९. नील रूपी गगन १०. काली जैसी मिर्च ११. नील रूपी गाय १२. कुसुम जैसे गाल १३. देह रूपी लता १४. ग्रंथ जैसे रत्न १५. लाल रूपी टोपी १६. कमल जैसे नयन १७. वचन रूपी अमृत १८. कृष्ण जैसे सर्प १९. चरण रूपी कमल २०. आधा जैसे मरा २१. सद /अच्छे जैसे कर्म २२. घन रूपी श्याम २३. मुख रूपी चन्द्र २४. विद्या रूपी धन २५. शुभ जैसे गमन /जाना २६. महान जैसे ईश /ईश्वर २७. चन्द्र जैसे मुख २८. भव रूपी सागर २९. कनक रूपी लता ३०. सद /अच्छे जैसे जन /लोग ३१. प्रधान जैसे अध्यापक ३२. कु /बुरी जैसी बुद्धि ३३. दुर /बुरा जैसा चरित्र ३४. महान रूपी राजा ३५. महान रूपी पुरुष ३६. का जैसा पुरुष ३७. महान जैसे जन /लोग ३८. स्त्री रूपी रत्न ३९. क्रोध रूपी अग्नि ४०. भुजा रूपी दंड ४१. मृग रूपी लोचन |
उत्तर - १. तीन भुवन २. सात चौराहा ३. चार राहें ४. सौ वर्षों का समूह ५. तीन वेणियाँ ६. पाँच वटी ७. नौ ग्रह ८. आठ अध्याय ९. पाँच तंत्र १०. तीन फल ११. दो गुना १२. तीन लोक १३. सात सई १४. सात सिंधु १५. चार आने १६. नौ रत्न १७. चार मास १८. दो पहर १९. छ: रस २०. दो राह २१. नौ निधि २२. चार पाए २३. आठ सिद्धियाँ २४. सात दिनों का समूह २५. तीन रंग २६. तीन भुजाएँ २७. पाँच सेर २८. पाँच मढ़ी |
१. धूप और दीप २. नदी और नाले ३. राजा और प्रजा ४. राम और लक्ष्मण ५. पाप और पुण्य ६. लोभ और मोह ७. अन्न और जल ८. पृथ्वी और आकाश ९. नर और नारी १०. सीता और राम ११. भीम और अर्जुन १२. सुख और दुःख १३. भला और बुरा १४. माँ और बाप १५. राधा और कृष्ण १६. वेद और पुराण १७. राजा और रंक १८. खरा और खोटा १९. बच्चे और बूढ़े २०. ऊँच और नीच २१. दिन और रात २२. गुण और दोष २३. देश और विदेश २४. रुपया और पैसा २५. भाई और बहन २६. खट्टा और मीठा २७. गुरु और शिष्य २८. दाल और रोटी |
उत्तर -२९. धर्म और अधर्म ३०. लोटा और डोरी ३१. लंबा और चौड़ा ३२. स्त्री और पुरुष ३३. दाल और भात ३४. घी और शक्कर ३५. जन्म और मरण ३६. लव और कुश ३७. जल और वायु ३८. भूख और प्यास ३९. जीवन और मरण ४०. यश और अपयश ४१. उलटा और सीधा ४२. जय और पराजय ४३. हार और जीत |
१. दस सिरों वाला - रावण २. नीला कंठ है जिसका -शंकर ३. अच्छे नेत्रों वाली ४. चक्र जिसके हाथ में हो -विष्णु ५. चंद्र जिसके शीश पर सुशोभित है - शंकर ६. लंबा उदर है जिसका -गणेश ७. पीला वस्त्र है जिसका -विष्णु ८. बुरी आत्मा वाला ९. धर्म पर चलने वाला -युधिष्ठिर १०. विष धारण करने वाला -साँप ११. पाँच वटी वह स्थान जहाँ सीता रही थीं १२. मृगों का इंद्र /राजा १३. चन्द्रमा जिसके शीश पर हो -शंकर १४. घन जैसा काला -कृष्ण १५. बहुत वीर १६. मृत्यु को जिसने जीत लिया हो १७. कुसुम जैसा कोमल १८. चार मुख हों जिसके -ब्रह्मा १९. सुन्दर मुख वाली २०. जिसका होना असम्भव हो २१. किरणों वाला -सूर्य २२. कीचड़ में खिलने वाला -कमल २३. चक्र धारण करने वाला २४. गज जैसे मुख वाला -गणेश २५. मयूर जिसका वाहन है २६. विशाल हृदय वाला २७. मंत्रियों में मुख्य २८. कमल पर बैठने वाली २९. जिसने इन्द्रियों को जीत लिया हो ३०. जिसके कान फटे हों ३१. पहाड़ को धारण करने वाला ३२. जिसका मुख चन्द्रमा के समान हो ३३. हँसता हुआ चेहरा ३४. पाँच मुख हैं जिसके ३५. हरिण जैसे नेत्र हैं जिसके ३६. अपने पर विश्वास रखने वाला ३७. पवन का पुत्र -हनुमान ३८. देवता के समान ३९. बारह सींग हैं जिसके ४०. नाक कटी हुई है जिसकी -सूर्पनखा ४१. महान आत्मा वाला ४२. पत्ते झड़ गए हैं जिसके |
उत्तर - ४३. चंद्र जैसा मुख है जिसका ४४. पति धर्म का पालन करने वाली ४५. मक्खी चूसने वाला -कंजूस ४६. छ: मुख हैं जिसके ४७. दिशाएँ ही वस्त्र हैं जिसके -शिव ४८ . श्वेत /सफेद वस्त्र है जिसका ४९. तीन लोकों का स्वामी ५०. कम बुद्धि वाला ५१. चार मुख हैं जिसके ५२. जल्दी संतुष्ट होने वाला -शिव ५३. घूस /रिश्वत लेने वाला |
१. माता और पिता (द्वंद्व समास ) २. रसोई के लिए घर (तत्पुरुष )
३. दस मुख वाला -रावण (बहुब्रीहि ) ४. जीवन भर (अव्ययी भाव )
५. गंगा का जल (तत्पुरुष ) ६. नीला कंठ है जिसका -शिव (बहुव्रीहि )
७. श्रम का दान (तत्पुरुष ) ८. राजा और रंक (द्वंद्व समास )
९. भाई और बहन (द्वंद्व समास ) १०. देश से निकाला (तत्पुरुष )
११. हर रोज (अव्ययी भाव ) १२. ऋण से मुक्त (तत्पुरुष )
१३. चार मुख वाला -ब्रह्मा (बहुव्रीहि ) १४. शीश है जिसके सिर पर -शिव (बहुव्रीहि )
१५. आठ अध्याय (द्विगु समास ) १६. राम और लक्ष्मण (द्वंद्व समास )
१७. पूरा दिन (अव्ययी भाव ) १८. जीवन और मरण (द्वंद्व समास )
१९. पीला वस्त्र (कर्म धारय ) २०. राजा की कुमारी (तत्पुरुष )
२१. घोड़े पर सवार (तत्पुरुष ) २२. चार मासों का समूह (द्विगु समास )
२३. घन जैसा काला -कृष्ण (बहुव्रीहि ) २४. समय के अनुसार (अव्ययी भाव )
२५ . तीन नेत्रों वाला -शिव (बहुव्रीहि ) २६. नीले रंग की गाय (कर्मधारय )
२७. माल के लिए गाड़ी (तत्पुरुष ) २८. हवन की सामग्री (तत्पुरुष )
२९. गज जिसका है मुख-गणेश (बहुव्रीहि ) ३०. रात भर (अव्ययी भाव )
३१. रुपया और पैसा (द्वंद्व समास ) ३२. पेट भर (अव्ययी भाव )
३३. सुख और दू;ख (द्वंद्व समास ) ३४. चार भुजाओं वाला (द्विगु समास )
३५. राजा का पुत्र (तत्पुरुष ) ३६. रात और दिन (द्वंद्व समास )
३७. नीला कमल (द्विगु समास ) ३८. ध्यान में मग्न (तत्पुरुष )
३९. जन्म भर (अव्ययी भाव ) ४०. कमल जैसे नैनों वाली (कर्मधारय)
४१. पहाड़ जिसने धारण किया है (बहुव्रीहि ) ४२. चार राहें (कर्मधारय)
४३. राजा और प्रजा (द्वंद्व समास ) ४४. राम का भक्त (तत्पुरुष )
४५. जन्म से अंधा (तत्पुरुष ) ४६. शक्ति के अनुसार (अव्ययी भाव )
उत्तर - ४७. तीन लोक (द्विगु ) ४८. महान वीर (कर्मधारय )
४९. राजा का दूत (तत्पुरुष) ५०. शीघ्रता से (अव्ययीभाव )
५१. राजा की पुत्री (तत्पुरुष ) ५२. दाल और भात (द्वंद्व समास )
५३. हर मास (अव्ययी भाव ) ५४. कार्य में निपुण (तत्पुरुष )
५५. चक्र है जिसके हाथ में (बहुव्रीहि ) ५६. रूचि के अनुसार (अव्ययी भाव )
५७. हाथ और मुँह (द्वंद्व समास ) ५८. जेब के लिए खर्च (तत्पुरुष )
५९. धूप और दीप (द्वंद्व समास ) ६०. वन के वासी (तत्पुरुष)
६१. हर दिन (अव्ययीभाव ) ६२. तीन कोण (द्विगु )
६३. पाँच मुख (द्विगु ) ६४. भला और बुरा (द्वंद्व समास )
६५. गृह में प्रवेश (तत्पुरुष) ६६. आदर सहित (अव्ययीभाव )
६७. घोड़ों की दौड़ (तत्पुरुष) ६८. धनी और मानी (द्वंद्व समास )
६९. मृग जैसे नयन (कर्मधारय ) ७०. नर और नारी (द्वंद्व समास )
७१. राजा की सभा (तत्पुरुष) ७२. समय के अनुसार (अव्ययीभाव )
७३. पथ से भ्रष्ट (तत्पुरुष) ७४. सात द्वीप (द्विगु )
७५. धर्म की शाला (तत्पुरुष) ७६. व्यवहार में कुशल (तत्पुरुष)
७७. चन्द्र जैसा मुख (कर्मधारय ) ७८. जैसे भी सम्भव हो (अव्ययीभाव )
७९. अश्व पर आरोही/सवार (तत्पुरुष) ८०. माँ और बाप (द्वंद्व समास )
८१. भय से डरा हुआ (तत्पुरुष) ८२. दिन और रात (द्वंद्व समास )
८३. स्थिति के अनुसार (अव्ययीभाव ) ८४. तुलसी द्वारा रचित (तत्पुरुष)
८५. राजा का पूत (तत्पुरुष) ८६. नाना और नानी (द्वंद्व समास )
१. दाल और भात (द्वंद्व समास ) २. सेना का पति (तत्पुरुष)
३. शरण में आया हुआ (तत्पुरुष) ४. महान आत्मा (कर्मधारय )
५. पाँच तंत्र (द्विगु ) ६. वचन जैसे अमृत (कर्मधारय )
७. परम आनंद (कर्मधारय )८. अल्प बुद्धि वाला (कर्मधारय )
९. तीन लोक (द्विगु ) १०. राजा का पुरुष (तत्पुरुष)
११. बुरी आत्मा (कर्मधारय ) १२. नीला अम्बर (कर्मधारय )
१३. नरों में इंद्र (तत्पुरुष) १४. पाँच वटी (द्विगु )
१५. उद्योग का पति /स्वामी (तत्पुरुष) १६. चार पायों वाली (द्विगु )
१७. दिशाएँ ही जिसका अम्बर हों (शिव) (बहुव्रीहि ) १८. मक्खी चूस (कंजूस) (बहुव्रीहि )
उत्तर - १९. जय और पराजय (द्वंद्व समास )२० शोक में मग्न (तत्पुरुष)
२१. बैलों की गाड़ी (तत्पुरुष) २२. छ: आनन (द्विगु )
२३. युद्ध की भूमि (तत्पुरुष) २४. लाभ और हानि (द्वंद्व समास )
२५. जल्दी ही संतुष्ट होने वाला (शिव) (बहुव्रीहि )२६. जैसा उचित हो (अव्ययीभाव )
२७. हर पल (अव्ययीभाव ) २८. देश के लिए भक्ति (तत्पुरुष)
२९. हाथों के लिए कड़ी (तत्पुरुष) ३०. पैरों से दलित /कुचला हुआ (तत्पुरुष)
३१. अन्न और जल (द्वंद्व समास ) ३२. देव और असुर (द्वंद्व समास )
३३. तीन भुजाएँ (द्विगु ) ३४. काली मिर्च (कर्मधारय )
३५. रुपया और पैसा (द्वंद्व समास )३६. श्रम के लिए दान (तत्पुरुष)
३७. मुरली धरने वाला (कृष्ण ) (बहुव्रीहि ) ३८. हर पल (अव्ययीभाव )
३९. हर मास (अव्ययीभाव ) ४०. पाप और पुण्य (द्वंद्व समास )
Amazing worksheet. Appreciate your hardwork. Thank you
ReplyDeleteAmazing , Thank You.
ReplyDeleteBrilliant
ReplyDeleteThank you so much
ReplyDeletePotty
ReplyDeleteRead more about Tatpurush Samas here.
ReplyDeletetati
ReplyDeleteSuper!!!Help for my exam...
ReplyDeletevery nice mam
ReplyDeleteThank you so much
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