मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में भाग "अ " जो भाषा के प्रश्नों से सम्बंधित होता है , उसमें प्रश्न तीन में एक अपठित गद्यांश पूछा जाता है जिसमें पाँच प्रश्न होते हैं और हर प्रश्न के लिए दो अंक होते हैं , कुल अंक दस होते हैं । इसी प्रश्न से सम्बंधित व्याकरण चौथे प्रश्न में पूछा जाता है जिसके लिए आठ अंक होते हैं । यहाँ मैं 2004 से लेकर 2017 तक के अपठित गद्यांश प्रस्तुत कर रही हूँ जो मैंने एकत्रित किए है। मैं कुछ गद्यांशों के प्रश्नों के हल भी प्रस्तुत कर रही हूँ । इसके साथ प्रश्न चार भी यहाँ हल सहित प्रस्तुत है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी।
२००४ प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. पढाई-लिखाई, ज्ञानार्जन, पठन-पाठन २. खुशी, हर्ष, प्रसन्नता, आह्लाद ३. नज़रिया, रुख, विचार, मत, परिप्रेक्ष्य ४. माननीया, स्वीकृति, विचार, विश्वास, प्रचलन ४. एहसास, भान, संकेत, अभिप्राय ५. लगातार, निरन्तर
२.
१. बाह्य, बाहरी २. संकीर्ण, संक्षिप्त, संकुचन, सीमित ३. मानवीय ४.रुकावट, बाधा, अवरोधक, विरुद्ध ५. कम से कम, न्यूनतम ६. प्रशंसा, गुणगान, स्तुति, तारीफ, बड़ाई, सराहना
३.
१. प्रगति, बढ़ोतरी, तरक्की, वृद्धि, विकास, उत्कर्ष २. भ्रांति, संदेह, संशय, शंका, शक ३. खुशी, हर्ष, प्रसन्नता, आह्लाद ४. सागर, सिन्धु, उदधि, पयोधि, नदीश, अम्बुधि ५. कोप, रोष, गुस्सा, नाराज़गी, आक्रोश ६. जड़ता, मूर्खता, नासमझी, अज्ञता
४.
१. सतत अध्ययन से मनुष्य में आन्तरिक सत्प्रवृतियाँ विकसित होती हैं।
२. समुद्र के अनेक मेंढक कुओं में आ पहुँचे।
३. कुएं के मेंढक के लिए समुद्र अनदेखा था।
२००५
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. बुराई २. पंडिताई ३. सेवकाई ४. दु:खावस्था ५. अपनापन
२.
१. तिरस्कृत २. अवसाद/दु:ख ३. गौरवहीनता/लघुता ४. अनुत्तीर्ण ५. कृपण
३.
१. कृपा, अनुकम्पा २. भू, धरा ३. सुत, तनय ४. सुर, अमर ५. आसमान, गगन
४.
१. दूर से हर वस्तु अच्छी लगती है- जब मैंने अपने पिताजी से विदेश जाकर पढ़ने के लिए कहा तो वे बोले-"बेटा! दूर के ढोल सुहावने होते हैं, अपने भारत में भी एक से एक बढ़िया कॉलेज हैं।
२. बहुत मूर्ख- हमारा नौकर एकदम मिट्टी का माधो है, एक बात को दस बार बताने पर भी नहीं समझता।
३. भेद खुल जाना- मीडिया वाले अपने छिपे कैमरों से जनता के सामने कई भ्रष्ट व्यक्तियों की कलई खोल देते हैं।
४. काम में विघ्न पड़ना- स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था। दो बच्चों के झगड़े के कारण रंग में भंग पड़ गया।
५. थोड़ी-सी भी कमी न आने देना- मेरे ताऊ जी बचपन से ही राजकुमारों की तरह पलकर बड़े हुए, अब भी वह अपनी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते।
५.
१. उन लड़कियों ने आज अनेक पुस्तकें पढ़ीं।
२. विदुषी स्त्री सम्राज्ञी के साथ रहती है।
३. मेरे छोटे भाई को मेरी बात अवश्य सुननी चाहिए।
२००६
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. अनिष्ट २. दुराग्रह/विग्रह ३. ह्वास/पतन/अवनति ३. कुख्यात ४. अपकीर्ति/अपयश/बदनामी ५. सरलता/ आसानी/सुगमता
२.
१. देवालय, पूजाघर, देवल २. खग, विहग, परिन्दा, पखेरू, पंछी, चिड़िया ३. अनुकंपा, अनुग्रह, मेहरबानी, दया ४. दिवस, वार, वासर, दिवा ५. भरोसा, यकीन, एतबार, आस्था ५. सोम, सुधा, पीयूष
३.
१. बहुत परेशन कर देना- शिवाजी ने अपनी छोटी-सी सेना से औरंगज़ेब की सेना को नाकों चने चबवा दिए।
२. मेहनत करना- आजकल युवाओं को अच्छी नौकरी पाने के लिए बहुत दौड़-धूप करनी पड़ती है।
३. बहुत खुश होना- अभिषेक के माता-पिता अभिषेक के आई.आई.टी में चयन होने पर फूले नहीं समा रहे हैं।
४. विकास/उन्नति करना- रमेश सदा गरीबों की सहायता करता रहा है इसलिए उसका कारोबार खूब फल-फूल रहा है।
४.
१. चढ़ाई २. लड़कपन ३. बुढ़ापा ४. मिठास ५. अधिकता ६. निजता/निजत्व
५.
१. विदुषी/बुद्धिमती स्त्री सत्य के मार्ग से नहीं हटती है।
२. एक बार अकबर ने बीरबल को बुलाया।
३. जंगल के राजा शेर पशु-समाज की असुरक्षा से चिन्तित होकर पशुओं की एक सभा बुलाएंगे।
४. मानव-मन धर्म से प्रभावित होता है।
१.
१. अच्छा २. बौद्धिक/बुद्धिमान
२.
१. अभिलाषा, आकांक्षा, कामना, चाह, लालसा २. रजनी, निशा, रैन, यामिनी, विभावरी
३.
१. बच्चा, नौजवान, बालक, शिशु, तरुण, युवा, युवक २. असाधारण, अद्भुत, विशेष, अनोखा ३. वाचाल, बातूनी, अतिभाषी, अतिवक्ता ४. मूर्ख, नासमझ, बेवकूफ, मंदबुद्धि, जड़बुद्धि, जड़मति, मंदमति, मंदहीन, निर्बुद्धि, अज्ञानी, बुद्धिहीन
४.
१. आज तो रामपाल बहुत खुश हैं और क्यों न हों? उनके दोनों हाथों में लड्डू जो हैं।
२. मोहित! कान-भरना तुम्हारी सबसे बुरी आदत है, इसलिए तुम्हें कोई पसन्द नहीं करता।
५.
१. घबराहट २. चिकित्सा
६.
१. उनका जीवन असुरक्षित नहीं था/ उसका जीवन खतरे में नहीं था।
२. नहीं, उनका जीवन सुरक्षित था/उसका जीवन मुसीबत में नहीं था।
३. मुझे घर पहुँचाने की कृपा करें/ कृपया मुझे घर पहुँचा दें/ कृपा कर मुझे घर पहुँचा दें।
४. इस फूल का रंग कितना निराला है।
२००८
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. अहिंसात्मक, अहिंसावादी, अहिंसक २. दर्शनीय/दार्शनिक
२.
१. प्रगति, उत्थान, आरोहण, उत्कर्ष, विकास, अभ्युदय
२. आत्मजा, तनुजा, सुता, तनया, नन्दिनी
३.
१. प्रतियोगी, विरोधी, प्रतिपक्षी, असहयोगी २. उष्ण, गर्म ३. भोगी,लोभी, स्वार्थी ४. अनेकता
४.
१. अपमानित होना- धृतराष्ट्र की सभा में कौरवों के द्वारा द्रौपदी के अपमानित किए जाने पर पाण्डवों का सिर नीचा हो गया।
२. सतर्क होना- पाकिस्तान के द्वारा कार्गिल पर सहसा किए गए आक्रमण से सीमावर्ती रक्षकों के कान खड़े हो गए।
५.
१. पूर्णता/पूर्णत्व २. प्रतिनिधित्व
६.
१. कर्त्तव्य का पालन करने में सुख है/कर्त्तव्यच्युत होने में दु:ख है।
२. ग्रीष्मावकाश में मैंने अपने मित्रों के साथ मसूरी घूमने जाने का निर्णय किया।
३. मुसाफिर धर्मशाला में विश्राम करते थे।
२००९
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. रोगी २. पारिवारिक
२.
१. नभ, व्योम, गगन २. दर्प, अभिमान
३.
१. निन्दा २. स्वामी ३. विग्रह ४. प्रकट
४.
१. रिश्वत देना- आजकल सरकारी कार्यालयों में अधिकांश कर्मचारियों की मुट्ठी गरम किए बिना कोई काम ही नहीं होता।
२. कोशिश करना- बेरोज़गारी से परेशान समीर नौकरी पाने के लिए कई जगह हाथ-पैर मारता रहा, पर नौकरी नहीं मिली।
५.
१. सेवा २. राष्ट्रीयता
६.
१. पंडित जी द्वारा कथा सुनाई जा रही है।
२. हलवाई जलेबियाँ बनाएगा।
३. साँझ होते-होते पक्षी अपने-अपने नीड़ को लौट जाते हैं।
२०१०
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. नमकीन २. ईमानदार
२.
१. वस्त्र, अम्बर, पट २. मीन, झष, मत्स्य
३.
१. अभागा/ भाग्यहीन २. मुक्ति/छुटकारा ३. निर्गुण ४. प्रभात/प्रात:
४.
१. शर्म आना- परीक्षा में प्रथम श्रेणी न मिलने की सूचना से सुभागा का चेहरा उतर गया।
२. बहुत प्रिय- शशि अपनी नौकरी के साथ-साथ अपने परिवार की देखभाल इतनी अच्छी तरह करती है कि वह अपने परिवार के गले का हार बन गई है।
५.
१. उड़ान २. देवत्व
६.
१. विष्णुशर्मा कुलीन ब्राह्मण थे।
२. आसमान में चिड़ियाँ उड़ रही हैं।
३. बालिका गुड़िया से खेल रही है।
२०११
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. दैनिक २. मायावी
२.
१. किस्मत, नसीब २. पाक, शुद्ध
३.
१. निराकार २. स्थायी ३. संकुचित ४. अपकीर्ति
४.
१. अपमान सहना- सारी कक्षा के सामने डाँट खाने पर वह जहर का घूँट पीकर रह गया।
२. इज़्ज़त रखना-बड़ी बेटी के घर से भाग जाने पर छोटी बेटी ने आई बारात के सामने माँ-बाप की नाक रख ली और फौरन शादी के लिए ’हाँ’ कह दी
५.
१. घर जाने में एकमात्र चार दिन हैं/घर जाने में चार दिन शेष हैं।
२. एक नवयुवक को यह बंधन अच्छा नहीं लगा।
३. विद्यार्थी निबन्ध लिखते हैं।
२०१२
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. सांकेतिक २. पूज्यनीय/पूज्य
२.
१. नौका, तरणी, तरी २. अभिमान, गर्व, दर्प, अहंकार, मद
३.
१. कुसंग २. पूर्णिमा/पूर्णमासी ३. यथार्थ/वास्तविकता ४. प्रशंसा/स्तुति
४.
१. लालच पैदा होना- चूहे को देखकर बिल्ली के मुँह में पानी भर आया।
२. दखल देना- सरकार को न्यायपालिका के कामों में टाँग नहीं अड़ानी चाहिए।
५.
१. सेवा २. हिंसा
६.
१. उसने दुश्मन की सेना पर हमला किया।
२. विद्यार्थी/विद्यार्थीगण पुस्तक पढ़ रहे हैं।
३. अन्ना हज़ारे ने सरकार का लोकपाल बिल मानना स्वीकार नहीं किया।
२०१३
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. नैतिक २. साहित्यिक
२.
१. पथ, रास्ता, राह २. जननी, माँ, अम्बा
३.
१. दोषी २. अशान्त ३. उत्थान ४. प्रारम्भ
४.
१. सच्चाई दिखाई न देना- अत्याधिक प्रेम ने मोहन के माता-पिता की आँखों पर पर्दा डाल दिया है, जिसके कारण उसकी गलतियाँ उन्हें नज़र नहीं आती हैं।
२. हार स्वीकार कर लेना- सुरक्षा सेनाओं की कड़ी कार्यवाही को देखकर आतंकवादियों ने घुटने टेक दिए।
५.
१. ईश्वरीय/ऐश्वर्य २. उत्तमता
६.
१. असफल हो जाने पर उसे बहुत दु:ख हुआ।
२. परिश्रमी व्यक्ति विपत्तियों से नहीं घबराते हैं।
३. आजीवन मैं इसी आचरण का पालन करता आया हूँ।
२०१४
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. रासायनिक २. नुकसानदायक
२.
१. कठिनाई, विघ्न २. दर्द, टीस
३.
१. आरम्भ २. अपवित्र ३. आशा ४. भूत
४.
१ आतिथ्य २. निपुणता
५.
१. साफ इनकार करना २. प्रभाव स्थापित करना
६.
१. अंत में आचार्य को आशा नहीं रही।
२. वह मुझे अति प्रिय लगने लगेगा।
३. उसका कार्य प्रशंसनीय था।
२०१५
प्रश्न ४ का उत्तर
१.
१. पूजित २. धार्मिक
२.
१. नृप, भूपति, भूप २. तालाब, सरोवर, ताल
३.
१. विनाश २. गुस्सा/कोप ३. ग्रामीण ४. बुद्धिमत्ता/ बुद्धिमानी
४.
१. साधुत्व २. तपस्या
५.
१. किसी की भी बात सुन लेना २. काम का शुभारंभ करना
६.
१. कश्मीर में अनेक दर्शनीय पर्यटक स्थल हैं/कश्मीर में अन्के पर्यटक स्थल देखने योग्य हैं।
२. मैंने कलम से लिखा।
३. आप सपरिवार हमारे घर आइएगा।
१.
हरिहर एक दयालु और सीधा –सच्चा किसान था और वह
खेती-बाड़ी का काम करता था | वह पूरा दिन अपने खेत में जी –तोड़ मेहनत करता था और
शाम का समय ईश्वर की प्रार्थना में बिताता था | जीवन में उसकी एकमात्र एक इच्छा थी
कि वह दक्षिण कर्नाटक के तीर्थस्थान उड्डपि के मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन
अवश्य करे |
२.
हरिहर को तीर्थयात्रा में एक स्थान पर एक बुढा
आदमी मिला | उसकी दशा बहुत दयनीय थी | वह कई दिनों से भूखा –प्यासा था और पीड़ा के
कारण कराह रहा था |
३.
हरिहर ने बूढ़े आदमी को जैसे ही देखा तो उसका
ह्रदय करुणा से भर गया | उसे बूढ़े ने बताया कि उसका एक बेटा बीमार है और दूसरे
बेटे ने भी तीन दिनों से कुछ भी नहीं खाया | यह सुनकर हरिहर ने उड्डपि जाने से
पहले बूढ़े के घर जाने का निश्चय किया | उसने सबसे पहले घर के सभी व्यक्तियों को
भरपेट भोजन कराया | फिर वह बीमार बच्चे के लिए दवा ले आया | उसने बूढ़े आदमी को खेत
में बोने के लिए बीज भी ला दिए | थोड़े दिन वहीँ रूककर उसने बूढ़े आदमी के बेटे की
सेवा भी की जिससे वह कुछ दिनों में स्वस्थ हो गया पर हरिहर के सभी पैसे इन सब
कार्यों में खर्च हो गए |
४.
हरिहर ने घर लौटने का निश्चय किया क्योंकि
उड्डपि न जाकर वह बूढ़े आदमी के घर गया था | उसने वहाँ सबको भरपेट भोजन कराया,
बीमार बच्चे की दवा लाया , खेत में बोने के लिए बीज लाए | ये सब काम करने से उसके सारे पैसे ख़त्म हो गए | वहाँ लौटने पर
हरिहर ने स्वप्न में श्री कृष्ण को देखा| श्रीकृष्ण उससे स्वप्न में कह रहे थे कि
वह उनका सच्चा भक्त है क्योंकि उसने बूढ़े आदमी की सहायता की और अपनी इच्छा का
बलिदान किया | उन्होंने कहा कि वह बूढा आदमी वह ही थे और वह उसकी परीक्षा लेने के
लिए बूढ़े आदमी के वेश धारण कर वहाँ आए थे |
५.
इस गद्यांश से शिक्षा मिलती है कि तीर्थयात्रा
के बगैर भी हम पुण्य कमा सकते हैं | हमें अपना जीवन दीन –दुखियों की सेवा में
लगाना चाहिए क्योंकि उनकी सच्चे दिल से सेवा करना ही ईश्वर की सेवा है | यही
मानवता भी है |
ICSE 2017 Comprehension passage and grammar
2017 Question 3 Answers
१. पंजाब राज्य को भयंकर
अकाल जैसी विपत्ति का सामना करना पड़ा था | उस समय वहाँ के राजा महाराणा रणजीत सिंह
थे | उस समस्या का समाधान उन्होंने यह निकाला कि उन्होंने घोषणा करा दी कि महाराज
की आदेश से शाही भंडार गृह हर जरूरतमंद के लिए खुला है | प्रत्येक जरूरतमंद एक बार
में जितना उठा सके , ले जाए |
२. महाराज ने राज्य में यह घोषणा करवाई कि महाराज
की आदेश से शाही भंडार गृह हर जरूरतमंद के लिए खुला है | प्रत्येक जरूरतमंद एक बार
में जितना उठा सके , ले जाए | यह घोषणा कराई क्यों कि वह प्रजा की सेवा करना अपना
कर्त्तव्य समझते थे | उनका विचार था कि उनके राज्य में कोई भी भूखा न रहे |
३. बुढा आदमी लाहौर में रहने
वाला एक सद्गृहस्थ था | वह कट्टर सनातनी विचारों वाला था | उसने जीवन में कभी भी
किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया था | उसके परिवार में दो बच्चे थे| जो उनके पोते थे |
बच्चों का पिता यानी कि बूढ़े का पुत्र काबुल की लड़ाई में शहीद हो गया था |
४. बूढ़े आदमी ने थोड़ा सा ही
अनाज लिया था क्योंकि आज तक उन्होंने किसी के आगे कभी हाथ नहीं फैलाया था | ज्यादा
अनाज उठाना उनके लिए मुश्किल था क्योंकि वे बूढ़े थे और सबसे महत्त्वपूर्ण बात कि
अकाल में तो थोड़ा अनाज लेना ही सही है ताकि सब जरुरतमंदों को अनाज मिल जाए | उस
अजनवी व्यक्ति ने बूढ़े की गठरी खोल दी और उसमें भरपूर अनाज भर दिया | बूढ़े आदमी के
कहने पर कि वह इतना अनाज उठा नहीं सकता और न ही उसके पास अनाज को उठाने के लिए
किसी को मजदूरी देने का पैसा है | तब अजनबी व्यक्ति ने उसकी गठरी अपने कन्धों पर
ले ली और बूढ़े के पीछे –पीछे उसके घर की
ओर चल दिया |
५. इस गद्यांश से शिक्षा
मिलती है कि इंसान को स्वार्थी नहीं होना चाहिए चाहे कितनी भी मुसीबत क्यों न हो
जैसे कि बूढ़े आदमी ने अकाल में केवल अपने बारे में ही नहीं सोचा बल्कि अन्य
जरुरतमंदों के बारे में भी सोचा | बूढ़े में आत्मसम्मान था , ऐसे ही हमें भी अपने
आत्मसम्मान को कभी भी किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ना चाहिए | राजा रणजीत सिंह की
तरह हर राजा का फर्ज है कि वह अपने बारे में न सोच कर अपनी प्रजा के बारे में पहले
सोचे | हरेक को उसके द्वारा राज्य के लिए की गई उसकी सेवा के प्रति आदर देने के
साथ उनके परिवार की देखभाल करना भी राजा का कर्त्तव्य होना चाहिए | संक्षेप में ,
निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य और सेवा का फल अच्छा ही होता है |
उत्तर - (१.) १. ख़ुशी, प्रसन्नता २. तनय , सुत ३. दानव , दैत्य
(२.) मेहनत , दुराचार , आमिष , स्वाभाविक
(३.) प्रतिष्ठा , ग्रंथ , परिस्थिति
(४.) समय आने पर वह हमेशा अपना उल्लू सीधा करता है | गाडी छूटने के बाद हाथ मलने से कोई फायदा नहीं है |
(५.) १. विद्यार्थी को जिज्ञासु होना चाहिए |
उत्तर - २. इतनी आयु होने पर भी वह अविवाहित है |
३. रात में सर्दी बढ़ती जा रही है |
४. अन्याय के सब विरोधी हैं |
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