५. यही भगवान की सच्ची सेवा है। (इसी........से वाक्य शुरू करें)
ANSWERS:
१.
१. सीख/शिक्षा
२. अलग
३. आमंत्रण/बुलावा/न्यौता
४. विनती भरी प्रार्थना ५. ग्रसित/पीड़ा या दर्द से युक्त
६. नफरत
२.
१. कठिनता २. अनेक
३. दूर
४. गरीब
५. प्रशंसा ६. सुखी
३.
१. पथ, राह, रास्ता २. रात्रि, निशा, रजनी
३. अमीर, धनवान, धनाढ्य
४. चकित, अचरज, हैरान
५. खून, लहू, रुधिर
६. पाक, पवित्र, स्वच्छ, साफ
४.
१. उसने बड़े प्रेम से भोजन बनाया।
२. वे उपदेश देन लगे।
३. इसकी क्या वजह हो सकती है?
४. उन्होंने रोटी को हाथ से दबाया।
५. इसी को भगवान की सच्ची सेवा कहते हैं।
Question 3 1992
Read the passage given below carefully and
answer in Hindi the questions that follow using your own laanguage as
far as possible:
नीचे लिखे गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और उसके नीचे
लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए।उत्तर यथासंभव आपके अपने शब्दों में होने
चाहिए-
एक दिन महात्मा बुद्ध एक वृक्ष के नीचे बैठे विश्राम
कर रहे थे।तभी, अकस्मात
ही, एक
डाकू वहाँ आया, और
महात्माबुद्ध को मारने के लिए उद्यत हुआ।
महात्माबुद्ध शान्तचित्त से, निर्विकार
भाव से, मुस्कराते
हुए बोले," तुम मुझे मारना चाहते हो? अवश्य
मारो! परन्तु
मुझे मारने से पूर्व यदि मेरी एक इच्छा पूरी कर दो, तो
तुम्हारा मुझ पर महान उपकार होगा।"
"क्या काम है?" डाकू ने पूछा।
भगवान बुद्ध ने कहा," मित्र, मरने
वाले की अन्तिम इच्छा पूरा करना बड़े पुण्य का काम है।सामने जो वृक्ष दिखाई दे रहा है, उसकी
एक शाखा काट कर मुझे ला दो।"
डाकू मन ही मन महात्मा बुद्ध पर हँसा-पागल
है।पेड़ की टहनी भी कोई माँगने की वस्तु है! प्राण
दान भी तो माँगा जा सकता था।
डाकू ने अपने खड्ग से उस वृक्ष की एक शाखा काटकर
महात्माबुद्ध को दे दी।
टहनी को अपने हाथ में लेकर भगवानबुद्ध ने कहा," मित्र,
तुमने मेरा आधा कार्य तो सम्पन्न कर दिया, बाकी
आधा भी कर दो तो महती कृपा होगी।इस शाखा को वापिस उसी स्थान पर जोड़ दो जहाँ से इसे
काटकर लाए हो।"
डाकू यह सुनकर क्रुद्ध हो गया।अपने तिरस्कार, अवज्ञा
और अवेहलना के भाव को मुखरित करते हुए बोला," तुम
तो निपट मूर्ख हो।काटी हुई शाखा को जोड़ना संभव नहीं है।असंभव भी कभी संभव हो सकता है? यह
अब वापिस जोड़ी नहीं जा सकती।कुछ और मांग लो।"
डाकू के व्यंग्य और खीजभरे उद्गारों से महात्माबुद्ध
तनिक भी विचलित नहीं हुए।शान्त एवं गम्भीर स्वर में बोले," मुझे
और कुछ नहीं चाहिए।परन्तु इस तथ्य को समझ लो कि जो तोड़ता है वह कमज़ोर है और जो जोड़ता
है वह शक्तिशाली है।जिस काम के लिए आए हो वह करो।अब तुम मुझे मार सकते हो।"
डाकू सोच में पड़ गया-मैंने तो कितने
ही लोगों को काट डाला है।अपनी तलवार की तीक्ष्ण धार से कितने ही लोगों को शाश्वत नींद
में सुला चुका हूँ।जोड़ तो मैं किसी को भी नहीं सकता।उनमें से किसी को भी पुनर्जीवित
नहीं कर सकता।
उसका हृदय-परिवर्तन हो गया।उसको
अपने कुकृत्यों पर पश्चाताप होने लगा।वह भगवान बुद्ध के चरणों पर गिर पड़ा।
भगवान बुद्ध ने उस कातर प्राणी को सस्नेह उठाया
और कहा,"जाओ, आज
से जोड़ो और जीवन का आनन्द उठाओ।यही मानवता है।"
१. महात्मा बुद्ध ने डाकू को क्या कहा, कब
कहा और क्यों कहा? (६)
२. "पागल है" किसने, किसके
बारे में सोचा और क्यों? (३)
३. डाकू को किसने "क्रुद्ध" किया और कैसे? (४)
४. डाकू ने "निपट
मूर्ख" किसको कहा और क्यों? (५)
५. डाकू सोच में क्यों पड़ गया? (३)
६. डाकू को पश्चात्ताप क्यों हुआ और उसने क्या किया? (४)
७. गद्यांश के आधार पर "मानवता" की व्याख्या, कम से कम, पचास (५०) शब्दों
में कीजिए। (५)
Answers:
१.
महात्मा बुद्ध ने डाकू से शांत चित्त और
निर्विकार भाव से कहा कि यदि वह उन्हें मारना चाहता है तो वह अवश्य मारे | परन्तु
उन्हें मारने से पूर्व यदि वह उनकी एक इच्छा पूरी कर दे तो वह उन पर उसका महान
उपकार होगा | यह बात उन्होंने डाकू से तब कही जब वह एक दिन एक वृक्ष के नीचे बैठे
विश्राम कर रहे थे | यह बात उन्होंने उसे कही क्योंकि डाकू उन्हें मारने के लिए
उद्यत हुआ था |
२.
“पागल है” डाकू ने बुद्ध के बारे में सोचा
क्योंकि बुद्ध ने उसे मरने से पहले अपनी इच्छा बताई थी और वह इच्छा थी कि वह डाकू
सामने दिखाई देने वाले वृक्ष की टहनी की एक शाखा काट कर उन्हें ला दे | बुद्ध की यह
अंतिम इच्छा जानकार डाकू मन ही मन हँसा और उन्हें पागल कहा क्योंकि उसे लगा कि पेड़
की टहनी भी कोई माँगने की वस्तु है , इसके बजाए प्राणदान भी तो माँगा जा सकता था |
३.
डाकू को बुद्ध ने क्रुद्ध किया क्योंकि डाकू
द्वारा लाई गई वृक्ष की कटी शाखा को अपने हाथ में लेकर बुद्ध ने कहा कि उसने उनका
आधा काम तो सम्पन्न कर दिया पर यदि वह बाकी का आधा काम भी पूरा कर दे तो उसकी महती
कृपा होगी| वह आधा काम था कि डाकू को उस कटी शाखा को वापिस उसी स्थान पर जोड़ना था
जहाँ से वह काट कर लाया था |
४.
डाकू ने “निपट मूर्ख” बुद्ध को कहा क्योंकि
बुद्ध ने उसे काटी हुई शाखा को वापिस उसी स्थान पर जोड़ ने को कहा जहाँ से वह उसे
काट कर लाया था | डाकू का कहना था कि काटी हुई शाखा को जोड़ना संभव नहीं है |
असम्भव भी कभी संभव हो सकता है | काटी हुई शाखा अब वापिस जोड़ी नहीं जा सकती |
इसलिए उसने भगवान् बुद्ध से और कुछ माँगने को कहा |
५.
डाकू सोच में पड़ गया क्योंकि डाकू के व्यंग्य
और खीज भरे उद्गारों से भी बुद्ध विचलित नहीं हुए और उन्होंने बड़े शांत और गम्भीर
स्वर में उसे कहा कि उन्हें और कुछ नहीं चाहिए | परन्तु वह यह तथ्य अच्छी तरह से
समझ ले कि जो तोड़ता है, वह कमज़ोर है और जो जोड़ता है वह शाक्तिशाली है | जिस काम के
लिए वह यहाँ आया है , वह उसे करे | अब वह उन्हें मार सकता है | डाकू सोच रहा था
क्योंकि उसने बहुत से लोगों को काट डाला था और उन्हें शाश्वत नींद सुला चुका था पर
वह किसी को भी अब जोड़ नहीं सकता था और न उन्हें पुनर्जीवित कर सकता था |
६.
डाकू ने जब बुद्ध की इस बात पर विचार किया कि
जो तोड़ता है, वह वह कमज़ोर है और जो जोड़ता है वह शाक्तिशाली है | उसे लगा कि उसने
तो बहुत से लोगों को अपनी तलवार की तीक्ष्ण धार से शाश्वत नींद सुला दिया था और अब
वह उनमें से किसी को भी पुनर्जीवित नहीं कर सकता | यह सोचकर उसे पश्चाताप हुआ और
उसे अपने कुकृत्यों पर पश्चाताप हुआ | वह तुरंत अपनी गलती समझ भगवान् बुद्ध के
चरणों पर गिर पड़ा |
७.
गद्यांश के आधार पर मानवता है कि हमें किसी भी
वस्तु को तोड़ना अथवा काटना नहीं चाहिए क्योंकि जो वस्तु हम जोड़ नहीं सकते उसे
तोड़ने और काटने का हक भी हमें नहीं है | इसलिए मानव वही है जो वस्तुओं को जोड़े और
सम्बन्धों को जोड़े | लोगों को मिलाए और उनमें एकता का भाव लाए | इस तरह की
विचारधारा वाला व्यक्ति ही जीवन का सच्चा आनन्द ले सकता है |
Question 4
(a.) Give the meanings of the following
words:
नीचे लिखे शब्दों के सप्रसंग अर्थ हिन्दी में दीजिए- (३)
१. उद्यत 2. पूर्व
3. पुण्य
४. महती ५. निपट ६.
तथ्य
७. तीक्ष्ण ८. शाश्वत ९. सस्नेह
(b.) Give the Antonyms of the following
words: (Do not give more than one word)
नीचे लिखे शब्दों के विपरीतार्थक दीजिए ( एक-एक
शब्द से अधिक शब्द न दीजिए) (३)
१. इच्छा २. उपकार
३. अन्तिम ४. तिरस्कार
५. कुकृत्य ६. जीवन
(c.) Rewrite the following sentences
substituting the synonyms of the words underlined. (Do not make any other
change.)
रेखांकित शब्दों के स्थान पर उनके पर्यायवाची देकर
वाक्यों को फिर से लिखिए। (कोई
और परिवर्तन न कीजिए) (२)
१. महात्मा बुद्ध एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे
थे।
२. मेरी एक इच्छा पूरी कर दो।
३. तुम्हारा महान उपकार होगा।
४. तुमने मेरा आधा कार्य तो सम्पन्न कर दिया।
५. डाकू क्रुद्ध हो गया।
६. भगवान बुद्ध ने उस कातर प्राणी को सस्नेह उठाया।
(d.) Explain in HINDI the following
sentences:
नीचे लिखे वाक्यों की व्याख्या हिन्दी में
कीजिए - (३)
१. अपने तिरस्कार, अवज्ञा
और अवेहलना के भाव को मुखरित करते हुए वह बोला।
२. डाकू के व्यंग्य और खीज भरे उद्गारों से महात्मा
बुद्ध तनिक भी विचलित नहीं हुए।
३. उसका हृदय परिवर्तन हो गया।
(e.) Correct the following sentences:
नीचे लिखे शब्दों को शुद्ध कीजिए- (४)
१.उसने उधर देखा और बोला।
२. मेरा तो प्राण ही सूख गया।
३. मैंने कुछ आटा, नमक
और दाल खरीदा।
४. एक फूल की माला लाओ।
ANSWERS:
१.
१. तैयार २. पहले ३. पवित्र काम ४. बड़ी/विशाल ५. केवल/नितांत/बिल्कुल ६. प्रमाण/सत्य ७. तेज़ ८. सनातन ९. प्रेम सहित
२.
१. अनिच्छा २. अपकार ३. प्रथम ४. इनाम ५. सुकृत्य ६. मृत्यु
३.
१. महात्मा बुद्ध एक पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे।
२. मेरी एक कामना/चाह पूरी कर दो।
३. तुम्हार बड़ा भला होगा
४. तुमने तो मेरा कार्य पूरा कर दिया।
५. डाकू क्रोधित हो गया।
६. भगवान बुद्ध ने उस डरे हुए/भीत प्राणी को सस्नेह उठाया।
४.
१. उसने अपने अपमान से भरे और आज्ञा न मानने वाले भाव दिखाने के साथ-साथ बड़ी उपेक्षा के साथ कहा।
२. डाकू के ताने और चिड़चिड़ाहट से भरे भावों से महात्मा बुद्ध थोड़े-आ भी व्याकुल न हुए, शान्त रहे।
३. दिल बदल चुका था/उसके दिल में बदलाव आ गया था।
५.
१. उसने उधर देखकर कहा।
२. मेरे तो प्राण ही सूख गए।
३. मैंने कुछ आटा, नमक और दाल खरीदी है।
४. फूलों की एक माला लाओ।
Question 3 1994
Read the passage given below carefully and
answer in Hindi the questions that follow using your own laanguage as
far as possible:
नीचे लिखे गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और उसके नीचे
लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए।उत्तर यथासंभव आपके अपने शब्दों में होने
चाहिए-
किसी भी जाति की सभ्यता और संस्कृति का परिचय हमें
उसकी लोककलाओं और लोकजीवन में मिलता है।मध्य हिमालय का गढ़वाल तथा कुमाऊँक्षेत्र जिसे
हम "उत्तराखण्ड" के नाम से जानते हैं
, प्राकृतिक वैभव के साथ ही भारतीय संस्कृति की कई
प्राचीनताओं को भी अपने आँचल में समेटे है।लेकिन इधर कुछ वर्षों में पहाड़ का चेहरा
बड़ी तेज़ी से बदलने के कारण उसके इस रूप में भी बदलाव आया है।
पहाड़ के गाँव कभी अपनी विविध लोककलाओं- काष्ठकला, आभूषण-निर्माणकला, वाद्यकला, भित्तिचित्रकला, चित्रकारी, मेले, लोकोत्सव
और नृत्य आदि के लिए जाने जाते थे,
लेकिन बदलाव की हवा ने अब उन्हें भी अपने रंग में
रंगना शुरू कर दिया है।परिवर्तन की इस लहर ने यहाँ की लोककलाओं को ही नहीं, बल्कि
भवन निर्माण शैली को सबसे अधिक प्रभावित किया है।चीड़, देवदार
के पेड़ों के बीच बने पक्के मकानों को देखकर सहज ही विश्वास नहीं होता कि ये वही पहाड़
हैं, जहाँ
कभी मिट्टी, पत्थर
और लकड़ी के छोटे-छोटे कलात्मक घर हुआ करते थे।
आधुनिकता के नाम पर बदलाव का यह सिलसिला चन्द गाँवों
या शहरों तक ही सीमित नहीं रहा,
बल्कि सुदूर क्षेत्रों में भी पहुँच चुका है।वहाँ
भी सीमेंट, कंकरीट
के आधुनिक मकान दिखाई देने लगे हैं।यहाँ के पुराने मकानों को गौर से देखे तो इनमें
कच्चे माल के रूप में उन्हीं वस्तुओं का उपयोग होता था, जो
यहाँ आसानी से उपलब्ध थे।ईंट के स्थान पर पत्थरों को अलग-अलग आकारों में
काट-छाँटकर
एक के ऊपर एक रखकर चिना जाता था।दो पत्थरों के बीच सीमेंट का कोई उपयोग नहीं होता था।बीच-बीच
में साल, सागौन, देवदार, चीड़
या दूसरी उपलब्ध लकड़ी के स्लीपर डाले जाते थे।दरवाजे और खिडकियों में भी स्थानीय लकड़ी
का भरपूर सदुपयोग किया जाता था।कुछ घरों में पशुओं के लिए नीचे व्यवस्था की जाती थी, जिसे "सन्नी" या "गोठ" कहा जाता था।परिवार पहली मंज़िल पर रहता था।पारम्परिक मकानों के ऊपर की मंज़िल पर
एक खुला आँगन जिसे "तिबारी" या "खुटकूण" कहा जाता था, अवश्य निकाला जाता था जो एक तरह से बैठक का भी काम
करता था।दिन भर के काम से निपटने के बाद यहीं बैठकर पूरा परिवार हँसी-खुशी
से बातें करता था।आज नये आधुनिक शैली के मकानों में यह परम्परा बड़ी तेज़ी से लुप्त हो
रही है।मकानों के दरवाज़ों,
खिड़कियों और छज्जों पर जो बारीक काष्ठकला का काम
होता था वह भी अब लुप्त प्राय है।यह परिवर्तन न तो यकायक आया है और न ही ज़रूरतों की
उपज है।बल्कि यह तथाकथित आधुनिकता के अन्धानुकरण का ही उदाहरण है।
१. किसी भी जाति की सभ्यता और संस्कृति का परिचय हमें
किससे प्राप्त होता है और किस प्रकार? समझाकर लिखिए। (४)
२. हिमालय के मध्यक्षेत्र को किस नाम से जाना जाता
है? इस
क्षेत्र की क्या विशेषताएँ हैं? (३)
३. यह क्षेत्र पहले किस बात के लिए जाने जाते थे? इस
समय इन की क्या स्थिति है? (६)
४. आधुनिक परिवर्तन ने लोककलाओं के अलावा किसको सबसे
अधिक प्रभावित किया है और कैसे?
यह प्रभाव कहाँ तक पहुँचा है? (४)
५. इस परिवर्तन से पहले पहाड़ों में मकानों का निर्माण
किस प्रकार होता था ? (४)
६. "सन्नी" तथा "खुटकूण" किसे कहते हैं और इनका उपयोग किसलिए किया जाता था? (४)
७. इस परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है? आपके
विचार से परिवर्तन उचित है या अनुचित? अपने विचार लिखिए। (५)
ANSWERS:
Question 4
(a.) Give the meanings of the following
words:
नीचे लिखे शब्दों के अर्थ लिखिए (अर्थ
देते हुए ध्यान रखिए कि वे गद्यांश में प्रयोग के अनुरूप हों- (३)
१. वैभव
२. भरपूर
३. व्यवस्था
४. लुप्तप्राय
५. यकायक
६. अन्धानुकरण
(b.) Give the Antonyms of the following
words:
नीचे लिखे शब्दों के विपरीतार्थक दीजिए (एक
से अधिक शब्द मत दीजिए)- (३)
१. प्राचीनता
२. निर्माण
३. सीमित
४. उपलब्ध
५. सदुपयोग
६. खुशी
(c.) Use the following in sentences of your
own:
निम्नलिखित अंशों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए- (५)
१. आँचल में समेटे है।
२. रंग में रंगना
३. बदलाव का सिलसिला
४. काट-छाँटकर
५. हँसी-खुशी
(d.) Rewrite the following sentences with the
new beginnings given after each:
नीचे लिखे वाक्यों को दिए गए "आरम्भों" से शुरू करके फिर से लिखिए- (४)
१. पहाड़ के गाँव कभी अपनी लोक कलाओं के लिए जाने जाते
थे। (अपनी..........)
२. परिवर्तन की इस लहर ने भवन-निर्माण
शैली को भी प्रभावित किया है।
(भवन-निर्माण शैली भी......)
३. वहाँ भी सीमेंट कंक्रीट के आधुनिक मकान दिखाई देने
लगे हैं। (आधुनिक मकान.......)
४. कुछ घरों में पशुओं के लिए नीचे व्यवस्था की जाती
है। (पशुओं की.......)
१.
१. महिमा
२. परिपूर्ण
३. प्रबन्ध
४. छिपा हुआ/अदृश्य
५. अचानक
६. बिना विचारे अनुकरण करना
२.
१. आधुनिकता, नवीनता
२. ध्वंस
३. असीमित
४. अनुपलब्ध
५. दुरुपयोग
६. दु:ख
३.
१. काश्मीर प्राकृतिक सुन्दरता को अपने आँचल में समेटे हुए है।
२. पाश्चात्य सभ्यता धीरे-धीरे भारतीय युवकों को अपने रंग में रंग रही है।
३. भारतीय गाँवों का शहरीकरण हो रहा है। यह बदलाव का सिलसिला स्वतन्त्रता के बाद से शुरू हुआ।
४. मैंने एक पत्रिका में प्रकाशन के लिए एक कहानी भेजी थी। कहानी छप तो गई लेकिन सम्पादक ने काट-छाँट कर उसे बहुत छोटा कर दिया।
५. प्रदर्शनी के बाद हम लोग हँसी-खुशी अपने घर चले आए।
४.
१. अपनी लोक कलाओं के लिए कभी पहाड़ के गाँव जाने जाते थे।
२. भवन निर्माण शैली भी परिवर्तन की इस लहर से प्रभावित हुई है।
३. आधुनिक मकान वहाँ भी सीमेण्ट कंक्रीट के दिखाई देने लगे हैं।
४. पशुओं के लिए कुछ घरों में नीचे व्यवस्था की जाती है।